ऐसे करें अपने नन्हे-मुन्नों की देखभाल

अपने नन्हें-मुन्नों की देखभाल करना हर मां के लिए एक सुखद अनुभूति होती है। आज के प्रदूषित वातावरण में बच्चों की देखभाल और भी कठिन होती जा रही है। कभी लाडलों को सर्दी लग जाती है, कभी गर्मी, कभी खांसी, कभी बुखार तो कभी उल्टी दस्त आदि। 
ये सब सामान्य बीमारियां हैं। इन सब में भी माता पिता को काफी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। यदि अभिभावक सावधान रहें तो काफी हद तक इन बीमारियों को रोका जा सकता है।
८नवजात शिशु को उठाने से पहले हाथ साफ करें।
८शिशुओं के हाथों में पैसे नहीं देने चाहिए क्योंकि नोटों और सिक्कों के कीटाणु बच्चों को बीमार कर देंगे।
८छोटे बच्चों के मुंह में उंगली न डालें। कोई और भी दे रहा हो तो उन्हें ऐसा करने से रोकें।
८चर्म रोगों से बचाने के लिए छोटे बच्चों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। गीले नेपकिन साथ-साथ उतारें। दिन में तीन चार बार कपड़े बदलें और पाउडर छिड़कें।
८नन्हें-मुन्नों को समय-समय पर टीके लगवाते रहें जिनसे रोगों से बचाव किया जा सके।
८मालिश करते समय अपने हाथों को अच्छी तरह साफ कर लें।
८बच्चों के तौलिए अलग रखें। एक छोटा हैंड टावल सदा साथ रखें। जिससे दूध पिलाने के बाद उसके मुंह को साफ किया जा सके।
 ८बाहर से आते ही बच्चे को मत उठाए।
८नियमित रूप से बच्चों के नाखून काटें। बच्चों को शौकिया नेल पॉलिश न लगाए।
८बच्चों को जमीन पर गिरी हुई चीज उठाकर खाने से रोकें।
८थोड़े बड़े बच्चों को सफाई की महत्ता बताते रहें।
८नंगे पैर घूमने से बच्चों को रोकें नहीं तो पेट में कीड़े अपना घर बना लेंगे।
८डॉक्टर के परामर्श पर बच्चों को समय-समय पर पेट के कीड़ों की दवा दें।
८उल्टी-दस्त होने पर शीघ्र चिकित्सक से सलाह लें।
८बचपन से ही बच्चों को फल व हरी सब्जियां खाने की आदत डालें।
८बच्चों में अच्छी आदत डलवाने के लिए या अपनी बात मनवाने के लिए स्वयं भी उस पर अमल करें।
८खाना खाने से पूर्व और बाद बच्चों के हाथ धुलवाएं। (उर्वशी)