नये अध्यक्ष से आशाएं

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के महा-अधिवेशन में बीबी जगीर कौर को अध्यक्ष चुने जाने ने इसलिए अधिक आश्चर्य पैदा नहीं किया क्योंकि कमेटी के इन होने वाले चुनावों में अन्य शख्सियतों के साथ-साथ उनके नाम की भी चर्चा हो रही थी। भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल एक नेक नीयत और अच्छे स्वभाव वाली शख्सियत हैं। अपनी छोटी आयु में ही उनको संत हरचंद सिंह लौंगोवाल का आशीर्वाद प्राप्त रहा है। उन्होंने शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष के रूप में तीन वर्ष सेवा निभाई है। इससे पूर्व 10 वर्ष के लगभग स. अवतार सिंह मक्कड़ के कमेटी अध्यक्ष पद पर रहने के बाद यह दायित्व उन पर पड़ा था। चाहे पिछले समय में उन्होंने ईमानदारी और निष्कामता के साथ सख्त मेहनत की परन्तु उनके पद पर रहते हुए अनेक बार विवाद भी उठते रहे, जिनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों के गायब हो जाने का गम्भीर मामला भी शामिल था।दरअसल शिरोमणि कमेटी का समूचा कामकाज इस तरह फैला हुआ है कि इसके पदाधिकारियों पर अक्सर राजनीति से लेकर अन्य क्षेत्रों से भी बड़े दबाव पड़ते रहे हैं। इसके साथ ही सिख पंथ के समक्ष बहुत बड़ी चुनौतियां भी खड़ी रही हैं, जिनका निपटारा कर पाना या उनके संतोषजनक समाधान तलाश कर पाना बेहद कठिन कार्य है। कमेटी के कामकाज में लगातार पड़ते ऊपरी दबावों को सहन करना तथा इनके साथ-साथ बेहतर कारगुज़ारी दिखाना बेहद कठिन कार्य है। आज कमेटी के अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल चुके प्रभाव के कारण इससे अधिक एवं बड़ी आशाएं भी रखी जाने लगी हैं, जिनको पूरा करना कोई सामान्य बात नहीं है। इस समय शिरोमणि कमेटी के सदस्यों में अकाली दल (ब) के प्रतिनिधि अधिक होने के कारण वार्षिक नया अध्यक्ष और कार्यकारिणी के चयन की ज़िम्मेदारी भी अकाली लीडरशिप की थी। आगामी वर्ष इस संस्था के लिए बेहद चुनौतियों से भरपूर साबित होने की सम्भावना है। शायद इसलिए ही अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी बीबी जगीर कौर को सौंपी गई है। वह पहले भी दो बार शिरोमणि कमेटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उस समय उनकी उपलब्धियां उल्लेखनीय रही हैं। धार्मिक क्षेत्र के साथ-साथ उनका राजनीतिक अनुभव भी बड़ा और विशाल है। उनका प्रयास हमेशा आम लोगों के साथ जुड़ने का रहा है। सिख भाईचारे की भावनाओं और उमंगों की उन्हें अच्छी समझ है। इस समय अनेक संकटों से गुज़र रही कौम को समर्पित भावनाओं वाली शख्सियतों तथा व्यक्तियों की आवश्यकता है। इसलिए उनसे यह आशा की जाएगी कि बीबी जगीर कौर अनावश्यक विवादों को नज़रअंदाज़ करके अपनी नई ज़िम्मेदारी को जहां संतोषजनक ढंग से निभा सकने में सफल होंगी, वहीं कौम के लिए सभी की सांझी राय से अच्छी व ठोस उपलब्धियां हासिल कर सकने में भी सफल हो सकेंगी, जिनकी आज बड़ी ज़रूरत महसूस हो रही है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द