कैसा आहार देना चाहिए बीमार को

घर में जब कोई बीमार पड़ता है तो उसको उचित देखभाल, डाक्टरी देखभाल व दवाइयों की आवश्यकता होती है। इस देखभाल के साथ-साथ रोगी को भोजन में क्या दिया जाए, इस पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है। रोगी की पाचन शक्ति कमजोर होने पर डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार साफ सुथरा और सुपाच्य भोजन देना बहुत आवश्यक है।
रोगी को देने वाले भोजन को तीन भागों में बांटें-तरल, समतरल और ठोस।  तरल भोजन में भिन्न-भिन्न सूप बना कर दे सकते हैं। ताजे फलों का स्वच्छ तरीके से निकला हुआ रस दे सकते हैं। सूप में आप मूंग की दाल का पानी, लौकी, परवल, तोरई, पालक, टमाटर का पानी सूप के रूप में तैयार करके दें। दाल के सूप के लिए मूंग की छिलके वाली दाल उचित रहती हैं।
फलों के रस में मौसम अनुसार और आवश्यकता के अनुसार संतरे, मौसमी, अनार, सेब का रस दे सकते हैं। मौसमी, संतरे में से बीज पहले अवश्य निकाल लें नहीं तो जूस कड़वा हो जाएगा। सर्दियों में जूस देते समय कटोरे को गैस पर पहले गर्म करके उसमें जूस पलट दें। नमक या ग्लूकोज रोगी को आवश्यकता होने पर मिलाएं।
जिस सब्जी का सूप बनाना हो, उसे अच्छी तरह से धोकर बारीक-बारीक काटें। अपच वाले रोगियों के लिए फटे दूध का पानी अति उत्तम माना जाता है। 200 ग्राम दूध को एक उबाल देकर एक नींबू का रस मिलाएं। दूध को फटने तक उबालने दें। जब दूध फट जाये तो उसके पानी को किसी साफ मलमल के कपड़े में छानकर पानी में ग्लूकोस मिलाकर दें जो अपच वाले रोगियों को आराम से पच जाएगा।
समतरल भोजन
 समतरल भोजन में गेहूं का नमकीन या मीठा दलिया, दाल-चावल की खिचड़ी पतली-पतली बनाकर दे सकते हैं।
ठोस भोजन
 ठोस भोजन में पके हुए ताजे फल, सादा भोजन , हल्की दालें, हरी सब्जियां और उबले चावल टार्च निकाल कर दे सकते हैं। डॉक्टरी सलाह का ध्यान अवश्य रखें और यह भी पूछें कि कितनी मात्रा में कितनी बार भोजन दिया जाना चाहिए।  
(स्वास्थ्य दर्पण)