जनता का जागना लोकतंत्र की मजबूती के लिए शुभ संकेत

प्रदेश में हो रहे पंचायती राज चुनाव के बीच सरकार के एक मंत्री को जनता ने घेर लिया। सरकार के पावरफुल काबीना मंत्री जनता से घिरने के बाद असहाय नज़र आए और उल्टे पैर गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। जनता का यह विरोध सरकार के आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह को अपने गृह क्षेत्र मंडी जिले के धर्मपुर में ही झेलना पड़ा। मंत्री का विरोध कर रही जनता का कहना था कि हमने आपको वोट देकर विधायक बनाया है तो आपको हमारी बात सुननी होगी। उस क्षेत्र की जनता इस बात को लेकर गुस्से में थी कि आईपीएच विभाग में धर्मपुर में एक क्षेत्र के लोगों को नौकरी दी गई और उनके क्षेत्र के युवाओं को नौकरी नहीं मिली। जनता के विरोध से परेशान मंत्री जी और तो कुछ कर नहीं पाए लेकिन गाड़ी में बैठते हुए इतना ज़रूर कहा कि आप से पूछकर नौकरी देंगे क्या? मंत्री जी की इस बात के जवाब में ग्रामीणों ने कहा कि हम आप से भीख नहीं मांग रहे हैं। आपको वोट दिया है तो समस्याएं भी आप को ही सुननी पड़ेंगी, लेकिन मंत्री जी ने कुछ नहीं सुना और वापस लौट आए। जनता के इस विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके आधार पर ही मंत्री जी की बात और ग्रामीणों की गुस्से की चर्चा हो रही है। जनता के आरोप कितने सच हैं, यह तो मंत्री जी ही जानते होंगे लेकिन जनता का यह विरोध धर्मपुर क्षेत्र के विधायक और मंत्री जी की कार्यप्रणाली पर सवाल ज़रूर खड़े करता है। सरकार जहां पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास करने का दावा रोजाना करती है, इसके विपरीत एक विधानसभा क्षेत्र में ही नौकरी में भेदभाव की आवाज़ें उठने लगी हैं, जिससे सरकार के दावों की पोल सरेआम खुलती दिख रही है। सरकार को चाहिए कि वह इसे मात्र एक घटना या विधानसभा क्षेत्र तक सीमित न समझ कर इस पर मंथन करे कि राजधानी शिमला की मीटिंगों से परे ज़मीनी हकीकत क्या है। कहीं ऐसा हर विधानसभा क्षेत्र में तो नहीं हो रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी यही गिनाते हैं कि अब ऊपर और नीचे की राजनीति नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का समान विकास किया जा रहा है। इस घटना से मुख्यमंत्री के दावों पर भी सवाल उठ रहा है क्योंकि विरोध की यह आवाज़ मुख्यमंत्री के गृह जिले से ही उठी है जिसे और गंभीरता से लिया जाना चाहिए। लेकिन यह विरोध एक मजबूत लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत भी है कि जनता अब सत्ता से डरती नहीं बल्कि भेदभाव के खिलाफ  आवाज़ उठाने के लिए तैयार है। उम्मीद है कि जहां भी विकास में भेदभाव होता होगा, वहां की जनता भी अपनी आवाज बुलंद करेगी।
चुनावी जीत के दावों पर सवाल
प्रदेश में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा व कांग्रेस दोनों दल जीत के दावे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 70 फीसदी से अधिक नगर परिषद और नगर पंचायत में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के जीत का दावा किया तो कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने मुख्यमंत्री के जीत के दावों को झूठा करार देकर दावा किया कि 70 फ ीसदी से अधिक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा और कांग्रेस के दावों के बीच जीत की सच्चाई अलग ही है। प्रदेश की सभी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के परिणाम सामने आने पर स्पष्ट दिख रहा है कि 90 फ ीसदी निकायों में सत्ता की कमान निर्दलीयों के हाथ में है। यह अलग बात है कि सत्ता के सहारे भाजपा अधिकांश नगर परिषद व नगर पंचायत में अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो सकती है लेकिन यह सब निर्दलीयों के समर्थन से ही होगा। सरकार के अभी दो साल बाकी हैं तो यह तय माना जाता है कि निर्दलीय सत्ताधारी दल को ही समर्थन देते हैं। लेकिन जीत के दावों की सच्चाई अलग है जिससे खासतौर से सत्ता पक्ष को मंथन की ज़रूरत है।
कोरोना वैक्सीन से राहत में जनता
लम्बे समय से कोरोना संक्रमण से भयभीत जनता कोरोना वैक्सीन आने से राहत महसूस कर रही है। हिमाचल प्रदेश में कोरोना वैक्सीन पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को दी जा रही है जिसका अभियान चालू हो गया है। पहले चरण में केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को 93 हज़ार वैक्सीन दी गई हैं जो हेल्थ वर्कर के साथ कोरोना से जंग लड़ रहे फ्रंट लाइन कर्मचारियों को दी जाएगी जिसमें पुलिस कर्मचारी, सफाई कर्मचारी आदि शामिल होंगे। उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन बाज़ार में उपलब्ध होगी जिसे आम जनता भी खरीदकर लगवा सकती है। कोरोना वैक्सीन आने के साथ ही अब सब कुछ खुल गया है और स्कूलों को भी खोलने का निर्णय सरकार ने ले लिया है जिससे लगता है कि कोरोना वैक्सीन आने के बाद अब जनता का जनजीवन सामान्य हो जाएगा। इसकी उम्मीद जनता के बीच जागी है। 
500 करोड़ निवेश, 2100 रोज़गार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा छेड़ी गई औद्योगिक विस्तार के लिए निवेशकों को हिमाचल लाने की मुहिम रंग दिखा रही है। देश-विदेश के उद्योगपति लगातार हिमाचल में निवेश के लिए आकर्षित हो रहे हैं जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास होने के साथ युवाओं को रोज़गार भी मिल रहा है। कोरोना संकट के कारण रुकी औद्योगिक निवेश की रफ्तार  अब गति पकड़ने लगी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिंगल विंडो की मीटिंग में लगभग 509.86 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश को स्वीकृति प्रदान की जिसमें लगभग 2200 व्यक्तियों को रोज़गार प्राप्त होगा। इससे यह पता चलता है कि सम्पूर्ण विश्व में आर्थिक मन्दी के बावजूद हिमाचल प्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। सिंगल विंडो की मीटिंग में स्टार्च, ग्लूटन, जर्म, फाईबर के निर्माण के लिए मै. क्वालीटैक स्टार्च प्राइवेट लिमिटेड, प्लॉट नम्बर 31-35, आई, गौंदपुर, तहसील पांवटा साहिब, ज़िला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश, ईवी चार्जर, लीथियम पैक्स, एलआई माडयूलज, सोलर सिस्टम, सोलर लाईटिंग सिस्टम आदि के निर्माण के लिए मै. ओकाया पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, गांव गुल्लरवाला, तहसील बददी जिला सोलन, टैबलेट, कैप्सूल, सिर्प, इंजैक्शन, आइंटमेंट के निर्माण के लिए मै. डीप ग्रीन एयर मैन्यूफैक्चर्र प्राइवेट लिमिटेड आई, पंडोगा ज़िला ऊना हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए नए प्रस्ताव स्वीकृत किए।