हरी मिर्च  लाभ और सावधानियां

तीखेपन में प्रयोग होने वाली हरी मिर्च यानी ग्रीन चिली पूरे विश्व मे हर तरह के व्यंजनों में प्रयोग होती है। कई तरह के पौष्टिक गुणों से भरपूर हरी मिर्च न सिर्फ तीखेपन के लिए जानी जाती है बल्कि वैज्ञानिकों शोधो से इसके औषधीय गुणों की भी पुष्टि हुई है। खासकर हृदय रोग में। हरी मिर्च का तीखापन कोलेस्ट्राल के स्तर व प्लेटलेट्स के जमाव को नियंत्रित कर हार्ट अटैक के जोखिम को कम करता है। हरी मिर्च विटामिन सी व एन्टी आक्सीडेंट का एक अच्छा माध्यम है। यही नहीं , यह ब्लड शुगर की मात्रा को भी कम करती है। विटामिन सी के अलावा विटामिन ए ,बी 6, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन हरी मिर्च में भरपूर होते हैं। एन्टी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर यह स्कीन डिजीज को रोकने में भी कारगर मानी गई है।हरी मिर्च खाने से कैंसर का खतरा कम हो जाता हैं। इसमें प्रतिरोधक क्षमता होती है। इसमें भरपूर मात्रा में एन्टी आक्सीडेंट होता है जो शरीर की आंतरिक सफाई के साथ साथ कैंसर कोशिकाओं को मात देने की क्षमता रखता है।उच्च रक्तचाप से परेशान मरीज हरी मिर्च का लाभ उठा सकते हैं। हरी मिर्च शरीर के ब्लड शुगर का कम करती है। यह मूड बूस्टर का काम भी करती है।हरी मिर्च कैल्शियम से युक्त मानी जाती है जो हड्डियों के लिए पोषक तत्व होता हैं। दांतों के लिए भी यह फायदेमंद है ।इसके अलावा पेट के कीड़ों को मारने ,तनाव को कम करने के लिए व याददाश्त को मजबूत करने के लिए फायदेमंद हैं।त्वचा के लिए खासकर एन्टी एलर्जी का काम करती है। हरी मिर्च में मौजूद विटामिन सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में काम आता है।लेकिन जहाँ फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं। बहुत ज्यादा मात्रा में हरी मिर्च का प्रयोग पेट में अल्सर को जन्म देता है। ज्यादा प्रयोग से कब्ज,दस्त, एसिडिटी, गैस, पेट फूलने जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। ज्यादा हरी मिर्च खाने से गुदा में सूजन हो सकती है। अगर बवासीर की समस्या है तो दर्द का सामना करना पड़ सकती है। हरी मिर्च के ज्यादा सेवन से इसमें मौजूद केप्सीसिन पेट की गर्मी को बढ़ाता है जिससे कई तरह के हेल्थ प्रोब्लम्स होने की संभावना रहती है, इसलिए हरी मिर्च का सेवन एक लिमिट में ही करने का फायदा है।

 (स्वास्थ्य दर्पण)