सुन्दर नाखूनों का रहस्य

सुन्दर, आकर्षक, हृष्ट पुष्ट एवं निरोग नाखून सबको प्रथम नजर में ही आकर्षित कर लेते हैं। कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया और निस्संदेह नाखून दर्पण होते हैं निरोगी काया के।  जो महिलाएं बनावटी नाखूनों का प्रयोग करती हैं, उन्हें देखकर आभास होता है कि ये दिखावा पसंद महिला या किशोरी हैं। जरूरत से ज्यादा पेन्टेड नाखून महिला या किशोरी के जरूरत से ज्यादा फैशनपरस्त होने का परिचय मिलता है। सधे एवं सुलझे व्यक्तित्व की मलिका नारी हमेशा अपने लिये उचित रंगों की नेलपालिश चयन करती हैं। इससे उनके व्यक्तित्व में निखार आता है और व्यक्तित्व के अनुरूप वे शालीन नजर आती हैं। ऐसे में निहायत  जरूरी होता है-नाखूनों की उचित देखभाल करना। 
नाखूनों की सफाई प्रतिदिन एवं कटाई सप्ताह में एक बार अवश्य करनी चाहिये। तत्पश्चात् नेल फाइलर से घिस कर उन्हें चिकना कर लेना चाहिए।
*  नाखूनों की मैल प्रतिदिन किसी पुराने मंजन करने वाले ब्रश से निकाल लेनी चाहिये। हाथों एवं अंगुलियों को किसी झांवें या कपड़े से रगड़ कर साफ करना चाहिए।
* नहाने के बाद नाखूनों में जैतून या नारियल तेल लगाकर दो मिनट तक मालिश अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से नाखूनों में चमक तो आती ही है, साथ ही वे हृष्ट पुष्ट एवं मुलायम भी होते हैं।
*  बरतन साफ करते समय नाखूनों का विशेष ध्यान रखना चाहिये। हो सके तो बरतन साफ करते समय या बागवानी करते समय दस्तानों का इस्तेमाल करें।
*  नाखून काटते समय ध्यान रहे कि कच्चा नाखून भी न कट जाए। इससे रोगों के संक्र मण की संभावना बढ़ जाती है।
* मुंह से कभी भी नाखून नहीं काटने चाहिए। न ही नाखून चबाने की गंदी आदत डालनी चाहिए।
नेलपालिश का कम से कम प्रयोग करना चाहिए। जहां कैमिकल्स नाखूनों पर दुष्प्रभाव डालते हैं, वहीं दूसरी ओर नेल पेन्ट रक्त संचालन में अवरोध उत्पन्न करते हैं।
अगर आप नाखून रंगने की ज्यादा ही शौकीन हैं तो समय-समय पर हिना (मेंहदी) को नाखून एवं पोरों तथा हथेलियों पर लगा कर अपनी  सुरूचि का प्रदर्शन कर सकती हैं। 
नेल पालिश लगाने से पहले नाखूनों को उचित शेप देकर, नेल फाइलर से घिस लेना चाहिए। फिर पहले बेस कलर लगाना चाहिए। (उर्वशी)