यूएस ओपन  परीकथा जैसी है एम्मा की जीत

‘यह पूर्णत: एक सपने का सच होना है। मेरे लिए सबसे बड़ी जीत यह है कि मैंने अपना फोकस बनाये रखा कि अपने गेम प्लान के अतिरिक्त मैंने कुछ सोचा ही नहीं—यह कि मुझे क्या करना है? मैंने वास्तव में किसी और चीज़ के बारे में सोचा ही नहीं सिवाय इसके कि टैनिस कोर्ट पर क्या होना है? बाहर की हर बात को मैंने बाहर ही रहने दिया, और अपनी क्राफ्ट पर फोकस किया।’ यह एम्मा राडुकानु का बयान था, यूएस ओपन 2021 का महिला एकल खिताब जीतने के बाद। आश्चर्य यह है कि एम्मा ने जो कुछ कहा है, उसे पिछले दो सप्ताह के दौरान दुनियाभर के टैनिस प्रेमियों ने कोर्ट पर होते हुए देखा। एक 18 साल की लड़की ने ऐसा कैसे कर लिया? इसलिए एम्मा की सफलता परीकथा जैसी प्रतीत होती है। बहरहाल, एक तरफ  जहां एम्मा का सपना साकार हुआ, वहीं यूएस ओपन में विश्व के नम्बर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच का सपना टूट गया। 2021 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन व विंबलडन के पुरुष एकल खिताब जीतने के बाद जोकोविच कैलेंडर ग्रैंडस्लैम हासिल करने और रिकॉर्ड -तोड़ 21वें मेजर खिताब जीतने के कगार पर थे, इसलिए यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्होंने कहा था, ‘अब सिर्फ  एक मैच बाकी है (एक वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम जीतने के लिए)। मैं इस अगले मैच को ऐसे खेलूंगा जैसे कि यह मेरे करियर का आखिरी मैच हो।’ लेकिन फाइनल में उनके प्रतिद्वंदी रूस के दानिल मेदवेदेव के इरादे कुछ और ही थे। जोकोविच टोक्यो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से गये थे कि वह स्टेफी ग्राफ  की तरह गोल्डन स्लैम (चारों ग्रैंडस्लैम व ओलम्पिक गोल्ड मैडल) जीतने वाले खिलाड़ी बन जाएं, लेकिन वह कांस्य पदक भी न जीत सके। इससे मेदवेदेव को प्रेरणा मिली कि जोकोविच अजेय नहीं हैं, उन्हें भी पराजित किया जा सकता है। इसी विश्वास के साथ वह आर्थर ऐश स्टेडियम में फाइनल खेलने के लिए उतरे थे। मेदवेदेव ने सिर्फ  सीधे 6-4, 6-4, 6-4 सेटों में जीत दर्ज करके ना सिर्फ जोकोविच का सपना तोड़ा, बल्कि अपना पहला मेजर खिताब जीतकर अपना सपना भी साकार किया। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्ष के दौरान 20-20 ग्रैंडस्लैम जीतने वाली तिगड़ी (रोज़र फेडरर, राफेल नडाल व जोकोविच) से अलग पुरुष टेनिस में सिर्फ  दो नये मेजर विजेता हुए हैं, लेकिन 2017 के सत्र आरंभ होने के बाद से महिला टैनिस में 14 अलग-अलग मेजर चैंपियन हो चुकी हैं। इनमें भी एम्मा राडुकानु की कामयाबी विशेष है।  ध्यान रहे कि यूएस ओपन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि महिला एकल के फाइनल में दो किशोरियां आमने सामने थीं। 18 वर्षीय एम्मा राडुकानु ने कनाडा की 18 वर्षीय लेलाह फर्नांडिस को 6-4, 6-3 से पराजित किया। यूएस ओपन में यह भी पहली बार हुआ कि एक क्वालीफायर एम्मा राडुकानु ने न सिर्फ  खिताब जीता बल्कि बिना सेट ड्राप किये यह कारनामा किया। एम्मा राडुकानु ने तीनों क्वालीफाइंग राउंड्स में और मेन ड्रा के सातों मैचों में एक भी सेट नहीं हारा। मेन ड्रा में 20 सीधे सैट जीतना अविश्वसनीय है। 2018 में प्रोफैशनल खिलाड़ी बनने वाली एम्मा राडुकानु पहली महिला हैं, जिन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ही मेजर खिताब जीता है, जबकि उनसे पहले मोनिका सेलेस व बियांका एंड्रेस्कू ने अपने चौथे प्रयासों में यह सफलता हासिल की थी। मारिया शारापोवा ने 17-वर्ष की आयु में विंबलडन (2004) जीता था, उनके बाद एम्मा राडुकानु 18-वर्ष में सबसे कम उम्र की ग्रैंडस्लैम एकल चैंपियन हैं। तीन माह पहले तक एम्मा राडुकानु अपने स्कूल की ए-लेवल परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं। विश्व में 150 रैंक की खिलाड़ी के रूप में उन्होंने 24 अगस्त को यूएस ओपन के क्वालीफाइंग राउंड में प्रवेश किया। फिर वह आगे बढ़ती रहीं, जबकि दुनिया उनके खेल से अधिक उनकी कॉकटेल ड्रेस व शूज़ पर ध्यान दे रही थी और 11 सितम्बर, 2021 को वह चैम्पियन बन गईं। एम्मा राडुकानु इस बात का सबूत हैं कि कुछ भी नहीं है मुश्किल अगर ठान लीजिये। ब्रिटेन की इस खिलाड़ी को जो अपने खेल पर विश्वास है उस पर यकीन करना कठिन है। उनके स्ट्रोक्स में जो निपुणता है उसके सामने लेलाह की एक न चली, जबकि फाइनल से पहले लेलाह गदर मचाये हुए थीं। तूफान और शांति के मुकाबले में शांति की जीत हुई। वर्जिनिया वेड (1977 विंबलडन) के बाद मेजर खिताब जीतने वाली एम्मा राडुकानु पहली ब्रिटिश महिला हैं। वेड ने 1968 में यूएस ओपन भी जीता था। एम्मा राडुकानु का जन्म कनाडा में हुआ था, उनके पिता रोमानिया के हैं, मां चीनी हैं और दो साल पहले भारत (पुणे, आईटीएफ 25,000 प्रतियोगिता) में उन्होंने अपना पहला सबसे बड़ा टाइटल जीता था। बहरहाल, यूएस ओपन में 2.5 मिलियन डॉलर जीतकर वह अब ब्रिटेन की सबसे रईस खिलाड़ी बनने के कगार पर हैं।

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