स्वस्थ शरीर के लिए ज़रूरी है स्वस्थ मन

ज़िन्दगी को अच्छे ढंग से जीने के लिए यह ज़रूरी है कि हमारा शरीर स्वस्थ हो। हमारा शरीर स्वस्थ तभी रह सकता है यदि हमारा मन स्वस्थ होगा। बहुत-सी शारीरिक बीमारियों की उपज हमारे उदास मन से ही पैदा होती है। आवश्यक है कि इस मन को खुश रखा जाए। मनपसंद खाना-पीना, पहनना, घूमना-फिरना, मनपसंद स्थान पर जाना, दोस्तों-मित्रों के साथ हंसना-खेलना यह मन की खुराक है। कई बार हम यह सोच लेते हैं कि यदि हम घूमने-फिरने निकलेंगे तो हमारा अधिक खर्च हो जाएगा, जबकि हमें यह सोचना चाहिए कि यदि ह मारा मन घूमने-फिरने को करता है तो ज़रूर घूमने जाएं, कहीं यह न हो कि हमारा यह मन बीमार पड़ जाए और बहुत-से पैसे बीमारी पर लगाने पड़ जाएं और साथ ही शारीरिक  कष्ट भी झेलना पड़े।
पैसा खर्च करके यदि मन की खुशी प्राप्त हो जाए तो यह कोई घाटे वाला सौदा नहीं होगा। मन की खुशी के लिए हमें सैर करना, किताबें पढ़ना, कामेडी नाटक-फिल्में आदि देखते रहना चाहिए। कुछ समय एकांत में बैठ कर प्रकृति के नज़ारे, दुनिया के सुख-दुख पर विचार करना चाहिए तथा अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि हम कहां खड़े हैं। इस दुनिया में न तो सुखों का अंत है और न ही दुखों का। मन के बोझ को त्याग दें, जो आने वाले 10 वर्षों में होने वाली घटनाओं के बारे में सोच कर हम लिये जा रहे हैं। यदि कुछ आज हमारे साथ हो रहा है क्या हमने कभी इसकी कल्पना की थी? इसलिए हमें कल से घबराना नहीं चाहिए।  दुनिया की प्रसिद्ध शख्सियतें और अमीर लोग चाहे वह दुनिया के बेहतरीन देशों के निवासी हों, उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए बहुत-से दुख-तकलीफों का सामना करना पड़ता है। दुख-तकलीफें  जीवन का हिस्सा हैं और यह प्रत्येक इन्सान के लिए और हर स्थान पर हैं। यदि बहुत अधिक बेबसी महसूस हो तो उस काम या स्थान को बदल देना चाहिए, जिस कारण हम परेशान हो रहे हैं।