मील का पत्थर साबित हो सकती है थर्ड ग्राऊंड सेरेमनी

उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से भले ही संसाधनों की कमी नज़र आती हो लेकिन अपने यशस्वी जीवनकाल के 50 वर्ष पूरे करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में प्रदेश में औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था की मजबूती और सबसे विकराल समस्या बेरोज़गारी से निजात दिलाने के लिए थर्ड ग्राऊंड सेरेमनी के माध्यम से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर किया है। योगी के नेतृत्व में 21 जुलाई, 2018 को पहली ग्राऊंड सेरेमनी में 61,792 करोड़ रुपये वाली 81 परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हुआ था। दूसरी ग्राऊंड सेरेमनी 28 जुलाई, 2019 के 67,202 करोड़ रुपये के निवेश से 290 परियोजनाओं की आधारशिला गृह मंत्री अमित शाह ने रखी थी और अब तीसरी ग्राउंड सेरेमनी 3 जून 2022 को 80,224 करोड़ के निवेश वाली 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा चुका है। किसी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में शायद ही इतने भारी भरकम निवेश और इतनी अधिक संख्या में परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ होगा। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में 1787 परियोजनाओं को ज़मीन पर उतारने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। परियोजनाओं की शतप्रतिशत सफलता एक लम्बी प्रक्त्रिया है लेकिन जिस तरह का प्रयास योगी सरकार ने किया है, वह उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने तथा उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में थर्ड ग्राऊंड सेरेमनी में देश के दिग्गज उद्योगपतियों की उपस्थिति में 80,224 करोड़ रुपये की 1,406 परियोजनाओं की आधारशिला रखकर प्रदेश की प्रगति के प्रति डबल इंजन की सरकार ने अपना इरादा जता दिया है। अपने दूसरे कार्यकाल में अढ़ाई मास की अवधि में ही जिस तरह से यह भव्य समारोह लक्ष्मण नगरी में आयोजित हुआ, उस पर देश दुनिया की नज़र टिकी रही होगी। एक साथ 1406 परियोजनाओं का ऐतिहासिक शिलान्यास इस बात का प्रमाण साबित हो रहा है कि आर्थिक प्रगति और देश के विकास में उत्तर प्रदेश अपनी पूरी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राऊंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 समारोह कहा, उत्तर प्रदेश 21 वीं सदी में देश की ग्रो-स्टोरी को मोमेंटम देगा और यह हिंदुस्तान की अगले 10 वर्ष में बहुत बडी ड्राइविंग फोर्स बनने वाला है। उत्तर प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने देश के नामचीन उद्योगपतियों व निवेशकों से कहा कि हम नीति, निर्णय, नीयत और स्वभाव से विकास के साथ हैं। उत्तर प्रदेश के विकास व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए जिस भी सेक्टर में, जो भी रिफार्म आवश्यक होंगे, लगातार किए जाते रहेंगे। उन्होंने उद्यमियों को भरोसा दिया कि हम आपका हर प्रयास में साथ देंगे। निवेश से रोज़गार के हज़ारों नए अवसर बनेंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ उ.प्र. के युवक-युवतियों व नई पीढ़ी को होने वाला है।
प्रदेश के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर, इन्वेस्टमेंट और मैन्युफैक्चरिंग, तीनों पर एक साथ काम करेगी। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई स्कीम घोषित की गई है, जिसका लाभ उ.प्र. में भी मिलेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने बड़ी हिम्मत के साथ 300 सैन्य उपकरण विदेश से न मंगाने का फैसला किया है।  डिफेंस सेक्टर में जो लोग निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए इन 300 उत्पादों के लिए एश्योर्ड मार्केट उपलब्ध है। इसका निवेशकों को बड़ा लाभ होने वाला है। उ.प्र. में आधुनिक पॉवर ग्रिड हो, गैस पाइपलाइन का नेटवर्क हो, या मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी हो, सभी पर 21 वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से काम हो रहा है। आज उ.प्र. में जितने किमी. एक्सप्रेस-वे पर काम हो रहा है, वह रिकार्ड है। आधुनिक एक्सप्रेस-वे का सशक्त नेटवर्क उ.प्र. के सभी इकोनामिक जोन को आपस में जोड़ने वाला है। जल्द ही उ.प्र. की पहचान आधुनिक रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के संगम के रूप में होने जा रही है। ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर उ.प्र. में आपस में जुड़ने वाले हैं। उ.प्र. के 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट यहां की अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे। ग्रेटर नोएडा व वाराणसी में दो मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट लाजिस्टिक हब का निर्माण हो रहा है। औद्योगिक रणनीति व लॉजिस्टिक के हिसाब से उ.प्र. देश के सबसे आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले राज्यों में शामिल हो रहा है। उ.प्र. में बढ़ता हुआ इन्वेस्टमेंट युवाओं के लिए अनेक नए अवसर लेकर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश में तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में आए निवेश के प्रस्तावों से पूर्वी उप्र में औद्योगिक निवेश में बढ़ती रुचि के साफ  संकेत हैं। सर्वाधिक निवेश के प्रस्ताव पश्चिम उत्तर प्रदेश में आए हैं। दूसरे नम्बर पर पूर्वांचल है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स व खाद्य प्रसंस्करण से लेकर ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट शामिल हैं। पूर्वांचल में निवेशकों की रुचि बढ़ने के पीछे एक मुख्य कारण लखनऊ-गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का त्वरित गति से पूरा होना भी है। इसके अलावा हवाई सेवाओं में लगातार हो रही वृद्धि से भी निवेशक काफी आशान्वित हैं। यही वजह है कि बड़े, मझोले और लघु उद्योगों के लिए अब पूर्वी उत्तर प्रदेश एक पसंदीदा क्षेत्र बनाता जा रहा है। 200 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव भी अच्छी खासी संख्या में हैं। आने वाले समय में अन्य परियोजनाओं के पूरा हो जाने के साथ ही पूर्वी उप्र में बड़े स्तर पर नए उद्योग शुरू होने की संभावना है। पूर्वांचल के औद्योगिक विकास में ग्राऊंड ब्रेकिंग सेरेमनी ने एक नई जान फूंक दी है। पूर्वांचल के सात जिलों में 23 सौ करोड़ के निवेश से जहां पांच हज़ार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं सरकार के कोष में भी इज़ाफा होगा। प्रदेश सरकार का नेतृत्व सम्भाल रहे योगी आदित्यनाथ के काम करने का साहस, मेहनत और निष्ठा की प्रचुरता और दृढ़ विश्वास इस बात का प्रतीक है कि जो कदम उनका आगे बढ़ा है, वह मंज़िल पर जाकर ही रुकेगा।