बिहार : कुशवाहा एवं  चिराग के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी भाजपा

ख्ख्ब् के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा, नाराज जे.डी. (यू.) नेता उपेन्द्र कुशवाहा, विकासशील इन्सान पार्टी (वी.आई.पी.) के प्रमुख मुकेश साहनी के साथ-साथ लोक जनशति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान के साथ गठबंधन के लिए बातचीत कर रही है। इस सिलसिले में भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जैसवाल उपेन्द्र कुशवाहा को मिले तथा आधा घंटा बंद कमरा बैठक की। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जैसवाल ने कुशवाहा को भाजपा हाईकमान का संदेश दिया। इससे पहले कुशवाहा  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कह चुके हैं कि ख्ख्ब् में विपक्षी दलों के लिए उनको साा से हटाना बहुत कठिन होगा। चर्चा है कि एल.जे.पी. तथा भाजपा में गठबंधन से पहले केन्द्रीय मंत्री तथा राष्ट्रीय लोक जनशति पार्टी (आर.एल.जे.पी.) के अध्यक्ष पशुपती कुमार पारस अपनी पार्टी का चिराग पासवान की लोक जनशति पार्टी (राम विलास) में विलय कर लेंगे। वर्णनीय है कि बिहार में ख्क्- के लोकसभा चुनावों में तत्कालीन लोक जनशति पार्टी ने छः सीटों पर जीत हासिल की थी परन्तु पार्टी टूटने के बाद पांच सदस्य पारस के नेतृत्व वाली आर.एल.जे.पी. के साथ चले गए थे, जबकि रामविलास पासवान के इकलौते बेटे चिराग पासवान एल.जे.पी. (राम विलास) के एकमात्र सांसद  रह गए थे।
चुनाव आयोग के पास पहुंची ऋचा सिंह
समाजवादी पार्टी की पूर्व नेता ऋचा सिंह जिसे पार्टी से निकाल दिया गया है, वह अब एक नए राजनीतिक घर की तलाश कर रही हैं। अफवाह है कि ऋचा सिंह भाजपा नेताओं से मिल रही हैं। इस दौरान ऋचा सिंह ने समाजवादी पार्टी के विरुद्ध कार्रवाई करने की अपील करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। ऋचा ने दावा किया है कि समाजवादी पार्टी के बिना कारण बताओ नोटिस जारी करते उसके विरुद्ध कार्रवाई करके पार्टी के संविधान का उल्लंघन किया है। चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में ऋचा ने दावा किया कि क्म् फरवरी को समाजवादी पार्टी ने बिना किसी स्पष्टीकरण,   अग्रिम चेतावनी या यहां तक कि कारण बताओ नोटिस के एकतरफा  कार्रवाई की घोषणा की है।
कांग्रेस आंतरिक लड़ाई से परेशान
कर्नाटक में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों के निकट होने के बावजूद, कांग्रेस की मुय चिन्ता आंतरिक कलह बनी हुई है। इस बात पर चर्चा चल रही है कि यदि दक्षिण राज्य में कांग्रेस जीत जाती है तो सरकार का नेतृत्व कौन करेगा? सिद्धरमैया के वफ़ादारों द्वारा नेतृत्व की बहस शुरू की गई थी, जो उमीद कर रहे हैं कि वह अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिव कुमार के समर्थक भी इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं। दोनों गुट तभी से यान जारी कर रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान को अगले मुयमंत्री पद के उमीदवार के रूप में अपने-अपने नेताओं को यों चुनना चाहिए। कोर्टागेरे के विधायक तथा पूर्व मुयमंत्री जी. परमेश्वर ने इस बात पर मज़ाकिया लहज़े में कहा, 'मैं भी मुयमंत्री बनना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को साा में लाया जाए। बाद में पार्टी हाईकमान फैसला करेगी कि किसे मुयमंत्री बनना चाहिए।
महाराष्ट्र में एन.सी.पी. हो सकती है मज़बूत
चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को अधिकारित शिव सेना के रूप में मान्यता देने तथा उन्हें शिव सेना के चुनाव चिन्ह धनुष तथा तीर के उपयोग करने की स्वीकृति देने के बाद, महा विकास अघाड़ी गठबंधन भाव कांग्रेस, एन.सी.पी. तथा शिव सेना (यू.बी.टी.) ने एकजुटता को जारी रखने तथा एम.वी.ए. गठबंधन के बैनर तहत आने वाले सभी चुनावों में सामूहिक रूप से लड़ने का संकल्प लिया है। हालांकि नाम तथा चुनाव चिन्ह छिन जाने के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी के विस्तार की योजनाओं में रुकावट आ सकती है। ख्ख्ब् के लोकसभा चुनावों से पूर्व, शरद पवार के नेतृत्व वाली एन.सी.पी. युवाओं, महिलाओं तथा किसानों पर केन्द्रित एक पहुंच रणनीति को हमलावर ढंग से अपना रही है, जिसके लिए साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। एन.सी.पी. किसी भी उद्धव पक्षीय सहानुभूति का लाभ उठाने तथा शिव सेना की फूट के कारण खाली हुए क्षेत्रों पर अपने पांव मज़बूत करने के लिए दो-पक्षीय रणनीति पर काम कर रही है। जबकि कांग्रेस अंदरखाते साा की लड़ाई में लगी हुई है तथा ठाकरे अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं, एन.सी.पी. के पास पश्चिमी महाराष्ट्र में अपने गढ़ मराठवाड़ा तथा उारी महाराष्ट्र में मज़बूत पकड़ बनाने की बहुत सभावना है।
एन.डी.ए. बनाम नितीश
मुय विपक्षी मोर्चे के गठन को लेकर राजनीतिक चर्चा एक बार फिर तेज़ हो गई है। जबकि पहले भी कई बार विपक्षी एकजुटता की चर्चा होती रही है परन्तु इस बार बड़ा अंतर यह है कि बिहार के मुयमंत्री नितीश कुमार सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में काम करने के लिए कांग्रेस के साथ मिल कर चलने के संकेत दे रहे हैं। नितीश कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि यदि विपक्षी एकजुट होते हैं तो भाजपा ख्ख्ब् के लोकसभा चुनावों में क् सीटों को पार नहीं कर पाएगी। बिहार के मुयमंत्री सी.पी.आई. (एम.एल.) लिबरेशन के एक राष्ट्रीय समेलन में सबोधित कर रहे थे, जो प्रदेश में महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन करता है, जिसके विषय 'लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ, फासीवाद को भगाओ' था। हालांकि मुयमंत्री नितीश ने ग़ैर-एन.डी.ए. पार्टियों को गभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए कहा यदि वह भाजपा के विरुद्ध एकजुट नहीं हुए तो ख्ख्ब् के लोकसभा चुनावों में उनका पतन हो जाएगा। (आई.पी.ए.)