लोकसभा चुनाव 2024 कांग्रेस द्वारा सामाजिक न्याय की राजनीति को पुनः जीवित करने का प्रयास

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सामाजिक न्याय की राजनीति को पुनः जीवित करने के प्रयास में, कांग्रेस ने अपने त्त्भ्वें पूर्ण अधिवेशन में अपने संविधान में त्त्भ् संशोधन किए हैं, जिसमें अनुसूचित जाति (एस.सी.), अनुसूचित जनजाति (एस.टी.), अन्य पिछड़े वर्ग (ओ.बी.सी.), महिलाओं, युवाओं तथा अल्प-संयकों को इसकी कार्यकारिणी तथा सभी पार्टी  पदों में भ् प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांगें शामिल हैं। कांग्रेस ने साझा किया कि भारत की सामाजिक न्याय नीतियों तथा कानून को लागू करने में प्रगति तथा अन्तर की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद् की तर्ज़ पर सामाजिक न्याय हेतु एक राष्ट्रीय परिषद् की स्थापना की जाएगी। कांग्रेस ने जाति आधारित जनगणना पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास किया तथा उसका मानना है कि वह अन्य पिछड़ी जातियों (ओ.बी.सी.), एस.सी., एस.टी. तथा अल्प-संयक  मतदाताओं को अपने पक्ष में एकजुट कर सकती है।
विज्ञापन विवाद में फंसी कांग्रेस
कांग्रेस धर्म-निरपेक्षता के अपने मूल विचारधारा के भविष्य संबंधी एक गहन बहस के दायरे में है। हालांकि इसके त्त्भ्वें पूर्ण अधिवेशन के एक विज्ञापन को लेकर मौजूदा समय में हुए विवाद, जिसमें भारत के पहले शिक्षा मंत्री तथा स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शामिल नहीं थे, कारण पार्टी को कई क्षेत्रों में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। पूर्ण अधिवेशन के तीसरे दिन प्रतिदिन समाचार पत्रों में प्रकाशित पूरे पृष्ठों के विज्ञापन में विगत समय के बहुत-से कांग्रेसी नेता जैसे महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डा. बी.आर. अबेदकर, सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिहा राव तथा सरोजनी नायडू आदि शामिल थे।
टि्वटर पर विज्ञापन सांझा करते कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस के पास मुस्लिम नेताओं का एक समूह है, जिन्होंने विशेष रूप से अपने समुदाय में अलग-अलग रुझानों के विरुद्ध संघर्ष किया, जिस कारण पाकिस्तान का निर्माण हुआ तथा भारत के समूचे विचारों के लिए स्वयं को समर्पित किया। कोई इतिहास के पृष्ठों से उनके योगदान को मिटा देना चाहता है। जबकि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे माफ न करने वाली गलती बताया तथा कार्रवाई का वायदा किया। दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ए.आई.एम.आई.एम. ने विज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिहा राव को शामिल करने के लिए कांग्रेस की धर्म-निरपेक्षता पर सवाल उठाया। ए.आई.एम.आई.एम. का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने क्--ख् में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने में महवपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कबायलियों का नेतृत्व करेंगे भूपेश बघेल
छाीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले कबायली समुदाय का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेस कोई कमी नहीं छोड़ रही। ज़िले की क्ख् सीटों के साथ बस्तर छाीसगढ़ में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है तथा उत सीटें कांग्रेस के लिए प्राथमिकता बनी हुई हैं। इस दौरान मुयमंत्री भूपेश बघेल छाीसगढ़ की पहचान को प्रशंसनीय बनाने के लिए, ग्रामीण लोगों के लिए जन-कल्याण योजनाओं को उत्साहित करें तथा अपनी सरकार को एक बार फिर साा में लाने के लिए भाजपा के विरुद्ध हमलावर रवैया अपनाने के लिए एक मज़बूत रणनीतिक योजना बना रहे हैं।
स्टालिन द्वारा सांझा विपक्ष बनाने का आह्वान
ख्ख्ब् के लोकसभा चुनावों से पूर्व तथा विपक्षी दल की एकजुटता पर चर्चा के दौरान, तमिलनाडु के मुयमंत्री एम.के. स्टालिन ने तीसरे मोर्चे के विचार को खारिज कर दिया है। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव एकता के साधारण गणित को समझने की अपील की है। मुयमंत्री स्टालिन के स्त्रवें जन्म दिन के जश्नों के संबंध में चेन्नई में आयोजित रैली में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, बिहार के उप-मुयमंत्री तेजस्वी यादव तथा नैशनल कांग्रेस के नेता फारूक अदुल्ला ने भाग लिया। इस अवसर पर स्टालिन ने मज़बूत विपक्षी एकता की अपील की। जबकि टी.एम.सी., बी.आर.एस. तथा वामपंथी पार्टियां इस रैली में ग़ैर-हाज़िर रहीं। हालांकि स्टालिन ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने तथा आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
लालू ने रैली को किया सबोधन
बिहार के सााधारी गठबंधन द्वारा पूर्णिया में आयोजित एकजुटता (एकता) रैली को साा में सभी सात पार्टियों, विशेष रूप से जे.डी. (यू.) तथा आर.जे.डी. द्वारा मजबूती एवं समर्था दिखाने के प्रयास स्वरूप देखा जा रहा है। अपनी किडनी बदलवाने के आप्रेशन के बाद अपने पहले भाषण में, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जिन्होंने दिल्ली से वर्चुअल रैली को सबोधित किया, ने भाजपा की अल्पसंयक विरोधी होने की आलोचना की। लालू ने कहा कि बिहार में गठबंधन का उद्देश्य ख्ख्ब् के महवपूर्ण लोकसभा चुनावों में भाजपा को साा से हटाना है। एकजुटता रैली से सीमांचल आर.जे.डी. तथा नितीश कुमार की जे.डी. (यू.) के वोट आधार को मज़बूत करने की उमीद है। भाजपा विरोधी आन्दोलन में लालू की सक्रिय भागीदारी से लोकसभा चुनावों में महागठबंधन बनने की सभावनाएं और मज़बूत हुई हैं। (आई.पी.ए.)