झूठ बोलना एक कला

झगडू लाल जी और झूठ का वही संबंध हैं एजो सिक्के के एक तरफ हेड और दूसरी तरफ  टेल का। जब झगड़ू लाल जी की उम्र के सारे लड़के अपनी.अपनी पढ़ाई करने में लगे हुए थे, तो वही दूसरी तरफ  झगडू लाल जी एक से बढ़कर एक झूठ बोलने की कला सीखने में तल्लीन थे। उनके इस झूठ बोलने की तल्लीनता को भंग करने के लिए उनके अभिभावक और स्कूल के साथ ही साथ उनके कुछ खास मित्रों ने भी अपने अपने प्रयास के काफी पापड़ बेले लेकिन क्या मजाल जो पट्ठे के कान पर जूं भी रेंगी हो। 
इसी झूठ बोलने के चक्कर में एक बार कुछ लोगों ने मिलके झगड़ू लाल जी की ऐसी पिटाई कि थीएकि कुछ पूछिए मत सच तो यह हैं कि अगर इनकी जगह कोई और दूसरा बंदा होता तो वे अपनी कान पकड़कर इस झूठ बोलने से हमेशा के लिए तौबा कर लेता।
लेकिन इस पिटाई को भी झगड़ू लाल जी ने अपने झूठ बोलने के रास्ते का अवरोध और चैलेंज मान लिया और झूठ बोलने की अपनी हठ भक्ति का त्याग नही किया। एक समय ऐसा भी आया जब इनके साथ पढ़ने वाले सारे मित्र एक-एक कर पास हो गए और वे किसी ना किसी जगह नौकरी पाकर अर्जेस्ट हो गए और झगडू लाल जी ने अपनी परीक्षा के सात प्रश्न पत्रों में से केवल राजनीति शास्त्र के प्रश्नपत्र में ही सर्वाधिक नंबर प्राप्त कर पाए फिर इसके बाद इनके आगे पढ़ने की संभावना को इस रिजल्ट ने हमेशा के लिए समाप्त कर दियाण्
लेकिन झगड़ू लाल जी ने जब अपना यह रिजल्ट हाथ में लेकर देखा तो मारे खुशी के इनकी आंख ये देखकर भर आई, कि उन्हें राजनीति शास्त्र में अपनी परीक्षा के अन्य प्रश्नपत्रों से कही ज्यादा नंबर मिले थे। आखिर झगड़ू लाल जी इतने प्रसन्न होते भी क्यो नही। ‘यही तो वह महान उर्वरा क्षेत्र या धरती हैं , जहा झूठ बोलने की कला किसी को विधायक या फिर किसी को मंत्री बना सकती हैं, फिर इनके घर वालों ने इनकी शादी नरमदृगरम तरीके से एक काम चलाऊ टाइप की लड़की से कर दिया लेकिन झूठ बोलने की इनके ड्रग्स लेबल की साधना में कोई भी समस्या सामने नहीं आई।
अत: इन्होंने अपनी सुहागरत के दिन ही अपनी पत्नी से झूठ बोलकर अपनी सुहागरात का श्री गणेश किया। जब इन्हें लगा कि इनकी पत्नी इनके इस झूठ से काफी प्रसन्न हैं तो इनकी छाती मारे खुशी के छप्पन इंच की हो गई और फिर किसी कैबीनेट मंत्री की तरह इन्होंने अपने जीवन के इस नए पुल का शिलान्यास फीता काटकर ऐसे कर दिया कि ए ष्जैसे पूल इसी पंचवर्षीय योजना में बनकर कम्पलिट हो जाएगा कि अगले ये कन्फर्म नही हो।’
इसके बाद तो झगड़ू ने सार्वजनिक झूठ बोलना शुरू कर दिया और फिर इन्होंने ऐसे.ऐसे झूठ बोले कि पूरे प्रदेश में इनके झूठ बोलने की तूती बोलने लगी और प्रदेश के सारे झूठ बोलने वाले नेताओं की निगाह में आ गए। एक पार्टी ने तो इस बार के चुनाव में इन्हें अपनी पार्टी से टिकट तक देने की घोषणा कर दी। तब से झगड़ू लाल जी लगातार चार बार विधायक दो बार कैबिनेट मंत्री और इस बार तो उनके मुख्यमंत्री तलक होने की संभावना हैं ण्आज हालत ये हैं, कि झगडू लाल जी के साथ पढ़ने वाले लोग अपने बच्चो को थोड़ा बहुत झूठ बोलने की ना सिर्फ  प्रैक्टिस करा रहे हैं बल्कि अपने झूठ ना बोल पाने का गम भी गलत कर रहे हैं।
इतना ही नहीं आज झगड़ू लाल जी की पत्नी और पिता दोनों झगड़ू लाल जी के झूठ बोलने की इस कला से इतने आह्लादित हैं किए कुछ पूछिए मत! वैसे भी मेरा व्यक्तिगत मानना हैं किएझूठ बोलना सच बोलने से कही ज्यादा आवश्यक हैं। इससे आपकी बुद्धि शार्प होती हैं क्योंकि, सच बोलने में बुद्धि की उतनी जरूरत नही जितनी की झूठ बोलने में अत: झूठ बोलना एक कला ह।’


-जज कॉलोनी, मियापुर
जिला.जौनपुर 222002 
मो. 800824758