कर्क रेखा

कर्क रेखा पृथ्वी पर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। इसे अंग्रेजी में ट्रॉपिक ऑफ  कैंसर या कैंसर लाइन कहते हैं। इसे पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा के समानांतर पश्चिम से पूर्व की ओर खींचा गया है। इसे पृथ्वी के उत्तरतम अक्षांश पर खींचा गया है। कर्क रेखा की लम्बाई लगभग 36,800 किलोमीटर है। इस रेखा पर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत सबसे तेज़ चमकता है।  
कर्क रेखा दुनिया के तीन महाद्वीपों में स्थित सत्रह देशों से होकर गुज़रती है, जिनमें हमारा देश भारत भी शामिल है। यह रेखा भारत को लगभग दो समान भागों में बांटती है। कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों के पैंतीस ज़िलों  से होकर गुजरती है। इन राज्यों के नाम हैं : गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिज़ोरम। भारत के जिस राज्य में कर्क रेखा की लम्बाई सबसे कम है वह राजस्थान है।
भारत में कर्क रेखा मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से होकर गुजरती है। इसी कारण जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहाँ पर वेध शाला बनवाई जिसे जंतर मंतर कहते हैं। इसे खगोल शास्त्र के अध्ययन के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग काल गणना के लिए किया जाता है।
भारत में कर्क रेखा नर्मदा नदी के उत्तर से होती हुई गुजरात की माही नदी को दो बार काटती है। सोन, रिहंद और बेतवा नदी को यह एक-एक बार काटती है।


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