क्या नाशपाती के पेड़ पर सेब उगाये जा सकते हैं ? 

दीदी, क्या एक प्रकार का पेड़, दूसरे प्रकार के पेड़ का फल पैदा कर सकता है?’
‘हां, ग्राफ्टिंग से ऐसा संभव है।’
‘ग्राफ्टिंग क्या होती है?’
‘कलम लगाने या बांधने को अंग्रेजी में ग्राफ्टिंग कहते हैं। अगर नाशपाती के पेड़ की टहनी से कली निकालकर आप सावधानीपूर्वक श्रीफल या सूरजफल की झाड़ी की छाल में किये गये शिगाफ या झिरी में ठूंस देंगे तो नाशपाती की टहनी उगने लगेगी। श्रीफल की झाड़ी पर दोनों नाशपाती व श्रीफल आयेंगे।’
‘अच्छा।’
‘इसी तरह बादाम के पेड़ पर दोनों आडू व बादाम पैदा किये जा सकते हैं या जंगली सेब के पेड़ पर शानदार सेबों की फसल उगाई जा सकती है। कभी-कभी कलम का प्रयोग विचित्र पेड़ या झाड़ी बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद कृषि में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।’
‘किस तरह से?’
‘सबसे पहले तो कलम लगाने से माली सुनिश्चित हो जाता है कि उसके युवा पेड़ या पौधों पर मूल पेड़ की तरह समान गुणवत्ता व किस्म के फल आयेंगे। एक पेड़ से ली गयी टहनी जब दूसरे पेड़ में कलम की जाती है, तो वह उस पेड़ जैसे ही फल देती है, जिससे वह ली गयी होती है।’
‘कलम लगाने में क्या कुछ सावधानी बरतना भी आवश्यक होता है?’
‘दो नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है। पहला यह कि पेड़ों की समान प्रजातियों में ही कलम लगाना संभव है। मसलन, सेब की नाशपाती व श्रीफल पेड़ों पर ही कलम लगाई जा सकती है और आडू की कलम बादाम, खूबानी, आलूबुखारा या इन प्रजातियों के पेड़ों पर ही लगाई जा सकती है।’
‘दूसरा नियम क्या है?’
‘टहनी के रेशे की परत उस पेड़ के रेशे की परत को स्पर्श करे जिस पर कलम लगाई जा रही है। अगर ऐसा नहीं होगा तो टहनी विकास नहीं करेगी। कलम लगाने के अनेक तरीके हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कलम लगाना अब जानवरों में भी प्रयोग किया जा रहा है। सर्जन इन प्रयोगों से लोगों की मदद करना भी सीख गये हैं। मसलन पसलियों से हड्डी लेकर नई नाक बना दी जाती है, उन लोगों में जिनकी नाक किसी दुर्घटना के कारण टूट कर बेकार हो जाती है या जले हुए टिश्यू में त्वचा ग्राफ्ट की जाती है, दाग हटाने के लिए।’

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर