जानदार कमाई, शानदार भविष्य  बनें डाटा साइंटिस्ट 

डाटा साइंटिस्ट ऐसे प्रोफेशनल्स होते हैं, जिन्होंने डाटा साइंस की पढ़ाई की होती है, जिसमें एल्गोरिथ्म, मशीन लर्निंग के प्रिंसीपल्स और कई दूसरे टूल्स शामिल होते हैं। अपनी इसी कुशलता के आधार पर ये लोग सोशल मीडिया, ग्राहक लेनदेन जैसे अनेक सोर्सेज से डेटा निकालते हैं और उनके प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण करते हैं। इसके लिए इनमें डाटा विजुलाइजेशन जैसे कौशल की ज़रूरत होती है। 
डाटा साइंस आज इसलिए बहुत महत्वपूर्ण बनकर उभरी है; क्योंकि इसने टेक्नोलॉजी को बहुत आसान बना दिया है, इसके चलते अब मशीन लर्निंग भी काफी सिंपल हो गई है। डाटा साइंटिस्ट को हम- डाटा एनालिस्ट, बिज़नेस एनालिस्ट, डाटा इंजीनियर, एप्लिकेशन आर्किटेक्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रोडक्ट इंजीनियर आदि के रूप में भी जानते हैं। डाटा साईंटिस्ट कई स्रोतों से जानकारी का विश्लेषण करने में मदद करते हैं, जिससे किसी कंपनी को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल होता है। ये वित्त, बाज़ार के रुझान और समान रूप से कंपनी के डाटा को व्यवस्थित करते हैं और बेहतर प्रदर्शन के लिए इनपुट देते हैं।
करियर संभावना
जहां तक इस क्षेत्र में करियर की संभावना का सवाल है तो आईबीएम की एक रिपोर्ट के मुताब़िक साल 2025 से 2028 के बीच वित्त और बीमा के क्षेत्र में डाटा वैज्ञानिकों की मांग आज के मुकाबले 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी। कई दूसरे क्षेत्रों में भी यही हाल रहने की संभावना है। जहां तक भारत में डाटा वैज्ञानिकों की वार्षिक कमाई का सवाल है तो मौजूदा जॉब बाज़ार में इन्हें 18 से 24 लाख रूपये का वार्षिक पैकेज बहुत आसानी से मिल जाता है, जिसके निकट भविष्य में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की संभावना है। अगर आपकी शैक्षिक पृष्ठभूमि कम्प्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग, सांख्यिकी या गणित जैसे विषयों की है तो आप डाटा साइंस कोर्स करना चुन सकते हैं, क्योंकि यह बीटेक या मुख्यधारा के दूसरे इंजीनियरिंग कोर्सेज के मुकाबले बेहतर भुगतान वाला विकल्प है। अधिक मांग की भविष्यवाणी को ध्यान में रखते हुए वित्त और प्रबंधन के छात्र भी इसे बतौर करियर चुन सकते हैं।
जरूरी योग्यता
डाटा साइंटिस्ट बनने के लिए न केवल गणित विषय में अच्छी पकड़ होनी ज़रूरी होती है बल्कि कम्प्यूटर साइंस के क्षेत्र में टेक्निकल स्किल्स और ज्ञान के विविध सेट की भी आवश्यकता होती है। मसलन एक डाटा साइंटिस्ट को पाइथन जैसी महत्वपूर्ण कोडिंग भाषा आनी चाहिए क्योंकि यह डाटा माइनिंग, मशीन लर्निंग या वेब स्क्रेप्पिंग के मॉडल्स विकसित करने में मदद करती है। पाइथन विशेषकर डाटासेट बनाने और खोजने में भी खासतौर पर मदद करती है। इसी तरह इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आर प्रोग्रामिंग की भी समझ होनी चाहिए। यह एक ऐसा प्रोग्राम है, जो आमतौर पर डाटा एनालिसिस के लिए बनाया जाता है। यह इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग और स्टैटिस्टिकल एनालिसिस के लिए फॉर्मूला और तरीके प्रदान करता है। इसके अलावा डाटा विजुअलाइजेशन, बिज़नेस एक्युमेन, कम्युनिकेशन स्किल्स, डाटा रैंगलर, अलजेब्रा और कैलकुलस, स्टेटिस्टिक्स, जावा, यूनिक्स आदि कुशलताएं भी चाहिए।
डाटा साइंटिस्ट का काम
किसी संस्थान में डाटा साइंटिस्ट का मुख्य काम-सांख्यिकीय मॉडलिंग, मशीन लर्निंग आदि में सभी उभरते टूल्स और तकनीकों के साथ अप-टू-डेट रहना होता है। डाटा साइंटिस्ट डाटा का उच्चस्तरीय व्यावसायिक उद्देश्य प्राप्त करने हेतु एक परिकल्पना विकसित करता है। हडूप जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करके बड़े डेटा सेट का विश्लेषण करता है। बिज़नेस निर्णय लेने या उत्पादों और सेवाओं को बनाने के लिए आईटी मैनेजर, स्टेटिस्टिक्स, प्रोग्रामर्स और अन्य विशेषज्ञों के सहयोग से काम करता है। अधूरे डाटासेट के साथ विभिन्न विश्लेषणात्मक समस्याओं को हल करने के लिए, डाटा वैज्ञानिक विशेष रूप से डिज़ाइन की हुई अल्गोरिथम भी विकसित करते हैं।
ज़रूरी पढ़ाई
अधिकांश डाटा साइंटिस्ट इंजीनियरिंग, गणित, आई.टी. या किसी अन्य संबंधित क्षेत्र जैसे विज्ञान धाराओं में बैचलर की डिग्री अर्जित करते हैं। कुछ डाटा साइंटिस्ट विभिन्न वेबसाइटों पर डेटा साइंस और डेटा विश्लेषण पर मौजूद ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स कर लेते हैं। इससे भी आप अपने स्किल में सुधार और डेटा वैज्ञानिक के रूप में नौकरी हासिल करने की संभावनाओं को बेहतर बना सकते हैं। चूंकि डाटा साइंटिस्ट की अत्यधिक मांग बनी हुई है, इसलिए आप एक जूनियर डेटा साइंटिस्ट या जूनियर डाटा एनालिस्ट के रूप में इंटर्नशिप या एंट्री-लेवल जॉब करके भी डाटा साइंटिस्ट के रूप में जो प्रासंगिक अनुभव प्राप्त करते हैं उसके आधार पर इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इसके लिए आप कुछ प्रमुख परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो बना सकते हैं, जिन पर आपने अतीत में काम किया हो ताकि भर्ती करने वालों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया जा सके और अन्य उम्मीदवारों पर लाभ प्राप्त किया जा सके। इसके साथ ही आप डाटा इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर विज्ञान, व्यवसाय प्रशासन या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं, इससे आपको डाटा विज्ञान क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। उच्च-भुगतान वाली नौकरियों के लिए आवेदन करते समय मास्टर डिग्री होने से आपको अन्य डाटा वैज्ञानिक उम्मीदवारों पर भी लाभ मिल सकता है।
योग्यता
फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स ख्यानी एमपीसी, के साथ हायर सैकेंडरी एजुकेशन (12वीं) ज़रूरी हैं कम्प्यूटर साइंस, फिजिकल साइंस, गणित, गणित और कम्प्यूटिंग, स्टेटिस्टिक्स या इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री। 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर