अपने अभिनय से पहली ही फिल्म हिट कराने वाली बबिता

बबिता शिवदासानी, जो अपने स्क्रीन नाम बबिता के नाम से विख्यात हैं, का जन्म 20 अप्रैल 1947 को कराची (अब पाकिस्तान में) में चरित्र अभिनेता हरि शिवदासानी के घर में हुआ था। उनके पिता का संबंध सिंधी हिन्दू परिवार से था, लेकिन उनकी मां बारबरा ब्रिटिश रोमन कैथोलिक थीं। आइकोनिक एक्टर साधना बबिता के चाचा सेवाराम शिवदासानी की लड़की व फिल्मों में समकालीन थीं, लेकिन दोनों कज़न आपस में बात तक नहीं करती थीं। सार्वजनिक स्थलों या पार्टियों में मुलाकात होने पर एक-दूसरे से हाय हैल्लो तक नहीं करती थीं। इस मनमुटाव का कारण तो आज तक ज़ाहिर न हो सका, लेकिन अमरीकी दार्शनिक रिचर्ड बाश का कहना है कि एक ही खून के दो व्यक्ति एक ही छत के नीचे नहीं रह सकते। 
बबिता का फिल्मों में प्रवेश धमाकेदार रहा था। उनकी पहली ही फिल्म ‘दस लाख’ (1966) बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही थी और फिर जब इसके अगले वर्ष यानी 1967 में राजेश खन्ना के साथ बबिता की रोमांटिक थ्रिलर ‘राज़’ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया तो बबिता टॉप स्टार बन गईं और उन्होंने ‘हसीना मान जायेगी’, ‘कब क्यों और कहां’, ‘फज़र्’ जैसी कामयाब फिल्में दी। लेकिन ‘कल आज और कल’ फिल्म की शूटिंग करते हुए उन्हें लीड एक्टर से प्यार हो गया और 6 नवम्बर, 1971 में उन्होंने रणधीर कपूर से शादी कर ली। चूंकि उन दिनों कपूर खानदान का घोषित नियम था कि उनकी बहू-बेटियां फिल्मों में काम नहीं करेंगी, इसलिए शादी के बाद बबिता ने एक्टिंग को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने करियर में मात्र 19 फिल्मों में काम किया।
बहरहाल, 1980 के दशक में रणधीर कपूर का करियर बतौर एक्टर व निर्देशक ढलान पर आने लगा। वह बहुत अधिक शराब पीने लगे। इससे बबिता व रणधीर के रिश्ते में ज़बरदस्त तनाव आ गया। बात इस हद तक बिगड़ी कि बबिता 1988 में अपनी दोनों बेटियों करिश्मा कपूर व करीना कपूर को लेकर रणधीर से अलग रहने लगीं। इस बारे में रणधीर कपूर ने एक बार बताया था, ‘बबिता को लगा कि मैं बहुत खराब व्यक्ति हूं जो बहुत ज्यादा शराब पीता है और देर से घर आता है। यह बात बबिता को पसंद नहीं थी। मैं उसके आदर्शों के अनुसार जीवन नहीं गुजार सकता था और वह जैसा मैं हूं उस रूप में मुझे स्वीकार नहीं कर सकती थी, हालांकि हमारा प्रेम विवाह था। इसलिए अलग होना ही ठीक था। देखभाल करने के लिए हमारी दो बेटियां थीं। उनकी बबिता ने बहुत अच्छी परवरिश की और वे अपने करियर में कामयाब हैं। एक पिता के रूप में मुझे इससे ज्यादा क्या चाहिए था।’ 
दोनों बबिता व रणधीर में कभी कानूनन तो तलाक नहीं हुआ, लेकिन 2007 तक दोनों में बातचीत तक बंद रही। इसके बाद करिश्मा व करीना के प्रयासों से दोनों पारिवारिक समारोह व अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर साथ शिरकत करने लगे, लेकिन रहते अलग-अलग मकानों में थे। अब जून 2025 में करीना कपूर ने कहा है कि उनके पैरेंट्स रणधीर व बबिता ने तय किया है कि वर्षों के अलगाव के बाद वे अपना बुढ़ापा साथ गुजारेंगे। अपने पैरेंट्स के असामान्य परिवार के बारे में करीना का कहना है, ‘हर किसी के पैरेंट्स संसार में सबसे अच्छे पैरेंट्स होते हैं। मेरे पैरेंट्स भी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। अब उन्होंने तय किया है कि एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए वे अपना बुढ़ापा साथ गुजारेंगे क्योंकि उनकी यात्रा इसी तरह से शुरू हुई थी और ठीक वैसे ही अब वे साथ हैं।’ करीना आगे बताती हैं, ‘यह एकदम दैविक हस्तक्षेप की तरह हुआ है और करिश्मा व मेरे लिए तो चक्र पूर्ण हो गया है। मैं समझती हूं कि पैरेंट्स के तौर पर दोनों बहुत शानदार रहे हैं और मेरे पिता ने तो जो कुछ मैंने करना चाहा उसका समर्थन किया है।’
वैसे बबिता व रणधीर की प्रेम कहानी दिलचस्प रही है। रणधीर ने बबिता को पहली बार फिल्म ‘संगम’ की शूटिंग पर देखा था। दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और यही पसंद प्यार में बदल गई। वे चुपके-चुपके एक-दूसरे को डेट करते थे। इसकी भनक राज कपूर व उनके परिवार को लग गई। राज कपूर ने रणधीर से मालूम किया कि क्या बबिता से शादी करने का इरादा है? रणधीर ने जवाब दिया, ‘मैं सिर्फ टाइम पास किये जा रहा हूं, शादी वादी करने का कोई इरादा नहीं है।’ इस पर राज कपूर ने गुस्से में कहा, ‘जब वो बुढ़िया हो जायेगी, तब शादी करेगा उससे?’ खैर, रणधीर की जगह उनके पैरेंट्स ने बबिता के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। ‘कल आज और कल’ के रिलीज़ होते ही रणधीर व बबिता की शादी हो गई।
सवाल यह है कि दशकों अलग रहने के बाद बबिता व रणधीर के बीच क़ानूनन तलाक क्यों नहीं हुआ? बेटियों की खातिर, एक वजह है लेकिन रणधीर ने एक बार कहा था, ‘तलाक किस लिए? हम तलाक क्यों लें? फिर से शादी करने का न मेरा इरादा है और न उनका।’ शायद कुछ संबंध इतने ही शुद्ध होते हैं कि कानूनी ठप्पा भी उनमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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