हिमाचल प्रदेश: स्थानीय कारीगर बाँस से कई प्रकार के टोकरे और अन्य सामान बनाकर चला रहे अपनी आजिविका
रामपुर बुशहर, शिमला (हिमाचल प्रदेश), 2 दिसंबर - हिमाचल के एक गांव ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। यहां लोग सिर्फ बांस, कपड़े और मिट्टी से बनी वस्तुओं का उपयोग करते हैं, जो एक आदर्श इको-फ्रेंडली जीवनशैली की मिसाल है। स्थानीय कारीगरों द्वारा बांस से कई प्रकार के टोकरे और अन्य सामान बनाए जा रहे हैं। इन उत्पादों में दैनिक उपयोग की टोकरियां, जैसे 'किल्टा', 'सूप' और 'छबड़ी', के साथ-साथ सजावटी वस्तुंए और घरेलू उपयोग के सामान भी शामिल हैं। यह हस्तशिल्प हिमाचल के हस्तशिल्प उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अब सरकारी सहयोग भी मिल रहा है।
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