जीएसटी रिटर्न में गलतियों के सुधार हेतु नियम सरल किए गए

नई दिल्ली, 1 जनवरी (भाषा): वित्त मंत्रालय ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कंपनियों और कारोबारियों को अपने मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3 बी में गलतियों को दुरस्त करने और कर देनदारी को समायोजित करने की अनुमति दे दी है। इससे कारोबारी सही रिटर्न बिना जुर्माने के डर के जमा करा सकेंगे। इस छूट से कंपनियों-कारोबारियों को गलती को ठीक करने के बाद कर क्रेडिट के लिए दावा करने का मौका मिलेगा। उनसे शुरआत में जीएसटी देनदारी की गणना के दौरान इस तरह की गलतियां हुई हैं। देश में एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों को उचित तरीके से कर देनदारी का आकलन करने में दिक्कत आ रही थी। उद्योग संगठन इस बारे में नियमों में ढील की मांग कर रहे थे और साथ ही अनुपालन के नियमों को सरल करने की मांग कर रहे थे। इससे कंपनियों को आनलाइन कर रिटर्न दाखिल करने की नई प्रणाली को अपनाने में आसानी होगी। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने हाल में फील्ड अधिकारी को भेजे पत्र में कहा था कि जीएसटीआर-3बी में पिछले महीनों के भिन्न आंकड़ों को रिपोर्ट करने का प्रावधान नहीं है। इन आंकड़ों को शुद्ध आधार पर चालू महीने के मूल्य के साथ उचित टेबल में डाला जा सकता है। इसमें कहा गया है कि आउटपुट कर देनदारी या इनपुट कर क्रेडिट में समायोजन करते समय जीएसटीआर-3बी में किसी तरह की नकारात्मक प्रविष्टियां नहीं हो सकतीं। जीएसटीआर-3बी को कारोबारियों को प्रत्येक महीने के 20वें दिन दाखिल करना होता है. इसमें पिछले महीने में दिए गए कर का ब्योरा होता है। ईवाई इंडिया के भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि इस सर्कुलर से उन कारोबारियों को राहत मिलेगी जो अपने जीएसटी रिटर्न फॉर्म में बदलाव करने में परेशानी झेल रहे थे।