अमरीका के गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के प्रवेश पर पाबंदी

लंदन (न्यूयार्क), 8 जनवरी (हुसन लड़ोया बंगा): 1984 सिख कत्लेआम, अकाल तख्त साहिब के मुतवाज़ी के जत्थेदार जगतार सिंह हवारा के लिए डाक्टरी इलाज से इन्कार करने तथा धारा 25 (बी) तहत सिखों को हिन्दू दर्शाने आदि का हवाला देते हुए समूचे अमरीका के 96 गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों ने ऐतिहासिक प्रस्ताव पास करते भारतीय डिप्लोमैटों व भारत की प्रतिनिधिता करने वाले किसी भी अधिकारी के गुरुद्वारों में दाखिले तथा नगर कीर्तन में शिरकत पर पाबंदी लगा दी है। 6 जनवरी को पास किए गए इस प्रस्ताव को गुरुद्वारों के दो बड़े संगठित संगठनों सिख कोआर्डीनेशन कमेटी आफ ईस्ट कोस्ट व अमरीकन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पेश किया तथा इसका समर्थन करते हुए मानव अधिकारी संगठन सिख्स फार जस्टिस द्वारा किया गया। इस पाबंदी का समर्थन करते हुए सिख्स फॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार अटार्नी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि सारे डिप्लोमैट भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते है, जोकि सिखों के कत्लेआम के लिए जिम्मेवार है और जिन्होंने भारतीय पुलिस अधिकारियों का समर्थन जारी रखा हुआ है और कई सिखों पर बेइन्तहा अत्याचार किया व कईयों को फर्जी एनकांऊन्टरों में मार दिया गया था।भारतीय डिप्लोमैटों पर पाबंदी के सवाल पर अटार्नी पन्नू ने कहा कि हम उन भारतीय डिप्लोमैटों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगे जो इस पाबंदी का उल्लंघन करेंगे। रिचमंड हिल न्यूयार्क के गुरुद्वारा साहिब में हुए इकट्ठ में सिख कोआर्डीनेशन कमेटी आफ ईस्ट कोस्ट के कोआर्डीनेटर हिम्मत सिंह ने प्रस्ताव पढ़ा।