प्रवासी पक्षियों द्वारा मोटेमाजरा की झील पर दस्तक

बनूड़, 8 जनवरी (रणजीत सिंह राणा): नज़दीकी गांव मोटेमाजरा में 25 एकड़ में फैली झील पिछले कई दशकों से साईबेरिया ओर कई ठंडे देशों से आते प्रवासी पक्षियों का एक अमुल्य ठिकाना बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से यहां रोज़ाना सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग तरह के प्रवासी पक्षी आ रहे है। इन पक्षियों में मुरगाब, मुरगाबी, सफैद मरगाबी, काली व नीला मग व पहाड़ी कोवा शामिल है। अभी तक लाल मग ने इस झील में दस्तक नहीं दी है, जिसका गांव वासी बेसबरी से इंतज़ार कर रहे है। संवादाता द्वारा इस झील पर जा कर देखा कि बड़ी संख्या में लोग प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए आ रहे है। तंगोरी कालेज विद्यार्थी ओर चंडीगढ़ व मोहाली से कुछ पक्षी प्रेमी उक्त ढाब में प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए आए हुए थे। गांव के वासीअर्जन सिंह कैनेडा, नंबरदार प्रीतम सिंह, हरभजन सिंह भान सिंह आदि ने बताया कि पक्षियों की आमद होते ही यहां बड़ी संख्या में यात्री पक्षियों को देखने के लिए आते है। गांव के बुजुर्ग भी झील के आसपास बैठकर पक्षियों को देखने का आनंद ले रहे है। गांववासियों के अनुसार इस झील में हर वर्ष पक्षियों की आमद होती है। संघाड़ा व मछलियों के लिए ठेके पर दी जाती झील कारण कई बार संबंधित ठेकेदार पक्षियों को झील के पानी पर बैठने के लिए कई तरह के प्रयास करते है। मगर इसके बावजूद भी पक्षियों की आमद लगातार जारी रहती है। गांव मोटेमाजरा की इस झील को देखते हुए पंजाब सरकार द्वारा 2010 में इसको सैलानियों के लिए प्रयटक केंद्र विकसित करने की योजना बनाई गई थी। उस वक्त के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने खुद इस जगह का दौरा भी किया था। मगर पंचायत द्वारा सहिमती न प्रगटाए जाने पर यह योजना बीच में ही लटक कर रह गई।