अमरीकी संसद में 45 प्रतिशत ग्रीन कार्ड जारी करने संबंधी विधेयक पेश

वाशिंगटन, 11 जनवरी (भाषा) : योग्य विदेशियों को अमरीका में बसने को प्रोत्साहित करने और ग्रीन कार्ड (स्थायी आवास का परमिट) आवंटन में सालाना 45 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी के प्रावधानों वाले एक विधेयक को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में पेश किया गया है। इसे ट्रम्प सरकार का समर्थन प्राप्त है और इसके पारित होने पर अमरीका में कामधाम की इच्छा रखने वाले भारतीय तकनीकी पेशेवरों को फायदा मिलने की संभावना है। सिक्योरिंग अमरीका फ्यूचर एक्ट नामक इस विधेयक को अमेरिकी संसद का अनुमोदन मिल जाने और उस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद अमरीका में विभिन्न प्रकार के वीजा कार्यक्रम खत्म हो जाएंगे और उनकी जगह एक नई आव्रजन व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसमें आव्रजन का स्तर घटेगा। अमरीका में इस समय सालाना औसतन 10.5 लाख विदेशी बसने आते हैं। नई व्यवस्था में यह संख्या घट कर 2,60,000 हो जाएगी। इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा में आंतरिक सुरक्षा समिति और सीमा एवं समुद्री सुरक्षा उप समिति की चेयरपर्सन मार्था मैक सैली, आंतरिक सुरक्षा समिति के चेयरमैन माइकल मैकौल, सभा की ही न्यायिक समिति के चेयरमैन बॉब गुडलाट्टे, और सभा की आव्रजक न्यायिक समिति और सीमाई सुरक्षा उप समिति के चेयरमैन रॉल लैब्रेडोर ने पेश किया। इस विधेयक में ग्रीन कार्ड आवंटन को सालाना 45 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव है। मौजूदा समय में प्रतिवर्ष 1,20,000 ग्रीनकार्ड आवंटित किए जाते हैं जिन्हें बढ़ाकर 1,75,000 वार्षिक किए जाने का प्रस्ताव है। भारतीय-अमरीकी तकनीकी पेशेवर वर्तमान व्यवस्था में मुख्यत: एच-1बी वीजा कार्यक्रम के आधार पर अमरीका आते हैं और काम करते हैं। वह बाद में यहां पर ग्रीन कार्ड या वैध स्थायी निवासी के विकल्प को अपना सकते हैं। सिक्योरिंग अमरीका फ्यूचर एक्ट से सबसे ज्यादा लाभ इन्हीं लोगों को होने की उम्मीद है। एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड आवंटित होने का इंतजार है और वह सालाना आधार पर अपने एच-1बी वीजा का विस्तार कराते हैं। इनमें से कई लोग तो दशकों से ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं।