दुनिया की प्रमुख सेनाओं में शामिल है भारतीय सेना

जालन्धर, 14 जनवरी, (जसपाल सिंह) : दुनिया की प्रथम सेनाओं में शामिल भारतीय सेना द्वारा सोमवार को 70वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। आज के ही दिन 1949 को भारतीय सेना पूरी तरह बर्ततानिया सेना से आजाद हुई थी व फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा भारतीय फौज के पहले सेना के प्रमुख बने थे। 15 जनवरी को देश में सेना दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर फौज के प्रमुख जरनल बिपिन रावत शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भेंट करेंगे और परेड से सलामी लेंगे। इस मौके पर शहीदों के परिवारों को भी विशेष तौर पर सम्मानित किया जाएगा।
दुनिया लोहा मानती है भारतीय सेना का : दिसम्बर जनवरी के माह में रक्त जमा देने वाली ठण्ड में जहां देश के जांबाज सीमा की दिल से सुरक्षा करते हैं, वहीं मई-जून के तपते माह में जैसलमेर जैसे गर्म स्थानों पर भी पूरे जोश से अपनी जिम्मेवारी निभाते हैं। भारतीय सैनिकों के इस जज़्बे के कारण ही भारतीय सेना की चोटी की सेनाओं में शुमार होती है व दुनिया के लोग भारतीय फौज का लोहा मानते हैं। भारतीय फौज ने जहां पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध लड़ कर दुश्मन को धूल चटाई, वहीं संयुक्त राष्ट्र के अनेकों शांति मिशनों के तहत शांति बहाली के लिए भी अपना अहम योगदान दिया।गौरवमयी इतिहास : भारतीय फौज का इतिहास गौरवमयी है व इस पर भारतवासी को हमेशा गर्व रहा है। भारतीय फौज को आज़ादी के तुरन्त पश्चात् पहले कश्मीर युद्ध में जहां पाकिस्तान को करारी हार दी, वहीं 1965 में दूसरे कश्मीर युद्ध में पाकिस्तान को हरा कर अपनी ताकत दिखा दी। वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई को कौन भूल सकता है, इस लड़ाई में भारतीय फौज ने न केवल दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया, बल्कि 90 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्म समर्पण करने के लिए मज़बूर करते हुए बांग्लादेश की स्थापना करवाई। 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई में भी भारतीय फौज ने अपनी बेमिसाल बहादुरी का सबूत दिया। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में दुश्मन की घिनौनी हरकत का भारतीय फौज ने ऐसा जवाब दिया कि दुश्मन दोबारा ऐसा करने का हौसला नहीं कर सका।प्राकृतिक आपदाओं में मदद : भारतीय फौज न केवल सीमा की सुरक्षा करती हुई लगातार दुश्मन के साथ जूझ रही है, बल्कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के समय भी आगे होकर कार्य करती है। बेशक बात गुजरात सहित देश के अन्य हिस्सों में आए भूकंप की हो या फिर गत समय दौरान कश्मीर व उत्तराखण्ड आदि स्थानों पर आए बाढ़ की हो, भारतीय फौज के बहादुर जवानों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर हमेशा जान-माल की सुरक्षा की है। इसके साथ ही दूर के क्षेत्रों पर निशुल्क मैडिकल व अन्य शिविर लगा कर समाज सेवा के क्षेत्र में भी फौज द्वारा अहम योगदान दिया गया।भारतीय फौज की ताकत : आज़ादी के समय 2 लाख सैनिकों के साथ देश की सीमा की सुरक्षा करने वाली भारतीय फौज इस समय सैनिक शक्ति के अनुसार से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सैनिक ताकत बन कर उभरी है। भारत के पास इस समय 12 लाख के करीब सशक्त जवान और अधिकारी विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 10 लाख के करीब रिज़र्व सैनिक हैं। भारतीय सेना के पास अत्याधुनिक मिज़ाइलें, टैंक, तोपें व अन्य सैनिक साजो-सम्मान भरपूर मात्रा में है। विशेष तौर पर परमाणु जंग के मामले में भी भारतीय फौज की तैयारी किसी पक्ष से कम नहीं कही जा रही।भारतीय फौज के सामने चुनौतियां : इस समय भारतीय फौज को जहां सीमा पार से पाकिस्तान की नापाक हरकतों का लगातार सामना करना पड़ रहा है, वहीं चीन के साथ भी भारत के सम्बन्ध बहुत अच्छे नहीं हैं। डोकलाम विवाद में चाहे चीन को पीछे हटना पड़ा था परन्तु इसने चीन के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। उधर उत्तर कोरिया व अमरीका के बीच पनप रहे गुस्से से पूरी दुनिया के सिर पर परमाणु जंग का खतरा मंडरा रहा है व अफगानिस्तान, सीरिया, इज़रायल व अन्य देशों में खानाजंगी दुनिया को दोबारा संसार जंग में धकेलने का कारण बन सकती है, ऐसे में भारतीय फौज को और भी चौकन्ना होने की आवश्यकता है।