12 किस्तों में वसूल की जाएगी बढ़ी बिजली दरों की राशि

जालन्धर, 15 जनवरी (शिव शर्मा): पावरकाम ने राज्य में फिक्स चार्जिज़, टैक्सों सहित 5 रुपए बिजली की योजना लागू कर दी है परन्तु इस योजना का लाभ मध्यवर्गीय व बड़े औद्योगिक यूनिटों को ही मिल सकेगा जबकि छोटी औद्योगिक इकाईयां इस सुविधा से बाहर रहेंगी। मध्यवर्गीय व बड़ी औद्योगिक इकाईयों को पहले 8.50 रुपए के लगभग बिजली की अदायगी करनी पड़ती थी परन्तु पावरकाम द्वारा वैरीएबल (प्रति यूनिट खपत) 5 रुपए प्रति यूनिट योजना लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को 1 रुपए प्रति यूनिट बिजली का लाभ मिल सकेगा। यह भी कहा जाता है कि अक्तूबर 2017 में 5 रुपए में बिजली बारे एक जारी चिट्ठी में इसका ज़िक्र किया था कि 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने की सुविधा लगातार पांच वर्ष तक दी जाएगी परन्तु जारी चिट्ठी अनुसार सुविधा अभी 31 मार्च तक देने का आदेश दिया गया है। अक्तूबर की चिट्ठी में यह भी बताया गया था कि सभी तरह की औद्योगिक इकाईयों को 5 रुपए में बिजली दी जाएगी परन्तु जारी आदेशों में मध्यवर्गीय व बड़ी औद्योगिक इकाईयों को 5 रुपए में बिजली दी जाएगी परन्तु जारी आदेशों में मध्यवर्गीय व बड़ी औद्योगिक इकाईयों को ही यह सुविधा देने के लिए कहा गया है जबकि अधिकतर गिनती 20 किलोवाट वाली औद्योगिक इकाईयों की है। अप्रैल 2017 से लेकर 31 दिसम्बर 2017 तक बढ़ी हुईं बिजली दरों की आधी राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। यह फैसला कमिशन पर छोड़ा गया है। अक्तूबर में 46/2017 सर्कुलर अनुसार 5 रुपए में बिजली लगातार पांच वर्ष तक दी जानी है परन्तु अभी इस योजना को 1 जनवरी से 31 मार्च 2018 तक लागू करने के लिए लागू किया गया है। अप्रैल 2018 में बिजली दरों में वृद्धि होने की इसलिए भी सम्भावना बताई जा रही है क्योंकि पावरकाम ने आयोग से 9 से 14.50 प्रतिशत तक बिजली दरों में वृद्धि करने की मंजूरी मांगी है। वैसे पावरकाम ने पहले पिछले बकाये की राशि 6 किस्तों में लेने का फैसला किया था जिसमें पहली किस्त के बिल औद्योगिक इकाईयों सहित बाकी उपभोक्ताओं को मिलने शुरू हो गए हैं जबकि आयोग को नई लिखी चिट्ठी अनुसार बकाये की राशि 12 किस्तों में ली जाएगी। 
फरवरी में लुधियाना के नगर निगम चुनाव भी हैं जिनको देखते हुए अभी पावरकाम की अहम घोषणाओं को काफी गंभीरता से देखा जा रहा है। जालन्धर सहित चाहे कुछ शहरों की औद्योगिक इकाईयों को पिछले बकाये की राशि की पहली किस्त बिलों में शामिल कर भेजी गई है परन्तु लुधियाना में इस किस्त को अभी बिलों से दूर रखा बताया जा रहा है। आयोग को लिखी चिट्ठी में मंजूरी मिलने के बाद ही बकाये व पिछली राशि पर ब्याज वसूलने बारे फैसला किया जाना है जिसका औद्योगिक इकाईयों द्वारा इंतज़ार किया जा रहा है।