बच्चों के कपड़ों की सुंदरता के साथ सेहत का ध्यान भी ज़रूरी

बाज़ार में बच्चे के लिए बहुत से अलग-अलग प्रकार के कपड़े उपलब्ध होते हैं। महंगे कपड़ों का सुंदर होना आवश्यक नहीं होता है। रंगीन तथा चमक वाले कपड़े दिखने में बहुत आकर्षक लगते हैं। बच्चे के लिए रंगीन व सस्ते सूती कपड़े खरीदने चाहिए। चमकदार कपड़े अधिकतर ऐसे फैब्रिक्स के बने हेते हैं, जिससे बच्चों को हानि हो सकती है। सूती कपड़े पसीने को आसानी से सोख लेते हैं तथा त्वचा को उचित हवा पहुंचाते हैं। यदि बच्चा बहुत छोटा हो तब उसके लिए ऐसे कपड़े खरीदने चाहिए, जिन्हें पहनाने में परेशानी न हो तथा आसानी से बदला जा सके। कपड़े ढीले तथा आरामदायक होने चाहिए। जिनमें बच्चा आसानी से खेल सके तथा गतिविधियां कर सके। अधिक महंगे कपड़े नहीं खरीदने चाहिए। क्योंकि बच्चा प्रतिदिन बढ़ता रहता है। इस कारण उसके कपड़े जल्दी ही छोटे हो जाते हैं। बच्चे के कपड़े उसके आकार से 1-2 नंबर बड़े होने चाहिए, जिसे बच्चे को आसानी से पहनाया जा सके तथा कपड़े जल्दी छोटे भी न हों, जबकि कपड़े अधिक बड़े भी नहीं होने चाहिए, इनमें बच्चा आकर्षक नहीं भद्दा लगता है। बच्चों को सर्दियों में अंदर पहनाने वाले कपड़े अधिक तंग नहीं होने चाहिए, इनमें बच्चों को आराम नहीं मिलेगा और बच्चा अपनी सामान्य गतिविधि नहीं कर पायेगा और रोता भी रहेगा। अधिक तंग कपड़ों से बच्चे के शरीर में सही मात्रा में रक्त संचार नहीं हो पायेगा, जिससे शरीर पर सूजन भी आ सकती है।तीन साल की उम्र के बच्चों के कपड़े साधारण होने चाहिए, जिसे बच्चा स्वयं पहन सके। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि 2-3 साल की उम्र के बच्चे अपनी पसंद के कपड़े पहनने की जिद करते हैं। अत: इसके लिए बच्चे के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए या उनको डांटना नहीं चाहिए। सर्दियों में ज्यादातर माताएं बच्चे को ठंड से बचाने के लिए अधिक कपड़े पहनाती हैं। बच्चों को सर्द हवा से बचने के लिए गर्म कपड़ों की आवश्यकता होती है।
 अत: बड़ों की अपेक्षा छोटे बच्चों को एक से अधिक कपड़ा पहनाना चाहिए, जिससे उन्हें आवश्यक गर्माहट मिल सके।
यदि बच्चे को ज़रूरत से ज्यादा स्वैटर या अतिरिक्त गर्म जैकेट पहनाया जाता है, तब वह आराम महसूस नहीं करता है और आपको गर्मी के कारण बच्चे के माथे पर हल्का पसीना महसूस होता है। ऐसे में एक गर्म कपड़ा निकालने पर बच्चा बहुत आराम का अनुभव करता है। सोते समय बच्चे को स्लीपिंग बैग में सुलाने से उसे रात में सर्दी से बचाया जा सकता है। बैग ढीला होना चाहिए तथा उसकी बगल ढकी होनी चाहिए तथा हाथ बाहर होने चाहिए। इससे मां भी आराम से सो सकती है, क्योंकि उसको रात में सोते समय बच्चे के ऊपर से कम्बल उतरने का खतरा नहीं रहता है। यदि बच्चे को रात में कम्बल में सुलाया जाता है तब उसका नियमित ध्यान रखना चाहिए।