मुंह में छाले निगलने न दें निवाले

 

मुंह में छाले होना एक सर्व सामान्य समस्या है। यह रोग नहीं अपितु लक्षण है जो अन्य किसी बीमारी या समस्या की ओर संकेत करते हैं। मुंह में छाले किसी को कभी भी हो सकते हैं। किसी को वर्ष में एक बार तो किसी अन्य को हर कुछ दिन बाद हो जाते हैं। यह बच्चे, बड़े, बूढ़े सबको अलग-अलग कारणों से हो सकते हैं किन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें छाले नहीं के बराबर होते हैं या होते ही नहीं है।
कारण
स्नये विटामिन बी व सी की कमी से होते हैं।
स्न ये पेट के साफ न रहने, कब्ज़ एवं आमाशय की अक्षमता के कारण होते हैं।
स्नये ज्यादा गर्म चीज़ों के खाने व पीने से होते हैं।
स्न ये दवाओं की अधिकता के कारण होते हैं।
स्नये ज्यादा चूने वाला पान खाने से होते हैं। ज्यादा शक्कर खाने से भी होते हैं।
स्नये मुंह व दांत, जीभ की अच्छी तरह सफाई नहीं करने से भी होते हैं।
स्नधूम्रपान की अधिकता से होते हैं।
स्नदूषित जल व भोजन, पोषक शून्य भोजन या बिना भूख लगे जल्द से जल्द ज्यादा खाने से भी होते हैं।
स्नये कैल्शियम व खनिज तत्वों के अभाव में भी होते हैं।
स्नएलर्जी, खसरा, रक्त-विकार आदि के कारण भी होते हैं।
स्नगर्म चीजों के अलावा बर्फ, चाकलेट, च्यूंगम, कफ वर्धक चीजों, खराब दूध की बोतल, तली चीजों, तम्बाकू व मांसाहार से भी होते हैं।
 बचाव के उपाय
स्नहर हाल में पेट को साफ रखें। हाजत न रोकें। कब्ज न होने दें। आमाशय की सक्रियता बनाए रखें।
स्नभूख लगे, तभी भोजन करें। भोजन ताजा हो। ठंडा या तेज गर्म न हो। भोजन आराम से चबा-चबा कर करें। मात्रा संतुलित हो। भोजन पौष्टिक हो।
स्न दिन भर में दस-बारह गिलास पानी पिएं। दूध बिना मलाई का लें।
स्नपान, तम्बाकू, गुटखा, पाऊच, धूम्रपान, नशापान त्याग दें।
स्ननमक, शक्कर, मिर्च मसाला, तली चीजें कम खाएं।
स्नमुंह, दांत, जीभ की नियमित दो बार सफाई करें।
स्नबाज़ार की चीज़ों, दूषित जल, मिलावटी चीजों व नकली रंग से बचें। जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स एवं बाज़ार के जूस का उपयोग न करें।
स्नछालों पर मधुरस या घी लगाकर लार को बहाएं। इससे वह जल्दी ठीक होंगे।
स्नपरेशानी बढ़ने पर चिकित्सक के पास जाएं। शुगर व बी.पी. पेशेंट डाक्टर को अपनी बीमारी भी बताएं।
स्नअधिक दवाओं का उपयोग न करें। (स्वास्थ्य दर्पण)
-सीतेश कुमार द्विवेदी