दुनिया में ताकतवर होना ज़रूरी : नेतन्याहू

नई दिल्ली, 16 जनवरी (वार्ता) : इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्यशक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि ताकत के बिना शांति कायम नहीं की जा सकती। विदेश मंत्रालय एवं ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रायसीना डॉयलॉग के उद्घाटन व्याख्यान में नेतन्याहू ने कहा, ॑ आज की तारीख में ताकतवर होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इस दुनिया में कमज़ोर का बचा रह पाना बहुत मुश्किल है। आप हमेशा शक्तिशाली के साथ हाथ मिलाते हैं। अगर आपको दुनिया में शांति कायम करनी है तो भी आपको शक्तिशाली होना पड़ेगा।  उन्होंने कहा, ॑ताकतवर होना हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत है। जिंदा रहने के लिए न्यूनतम ताकत ज़रूरी है।॑ उन्होंने सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक ताकत की महत्ता को भी स्वीकार किया लेकिन उस पर सैन्य शक्ति को बेहतर बताया। उन्होंने कहा, ॑सॉफ्ट पावर अच्छी बात है और हार्ड पावर और भी बेहतर चीज है।॑ उन्होंने कहा कि वैसे आज के समय में किसी भी देश के लिए सैन्य शक्ति, आर्थिक शक्ति, तकनीकी ताकत और सांस्कृतिक शक्ति चारों का होना बहुत जरूरी है। दर्शक दीर्घा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और एम.जे. अकबर और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व कौशल की सराहना करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई है कि मोदी ने पिछले तीन सालों में भारत में व्यापार सुगमता को बहुत आसान कर दिया और भारत ने अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग में 42 पायदान की छलांग लगायी है। उन्होंने कहा कि अगर आपको आर्थिक शक्ति बनना है तो आपको कर नीति को सरल बनाना होगा तथा लाल फीताशाही पर रोक लगानी होगी। भारत और इज़रायल दोनों देशों का मुख्य उद्देश्य इसी लाल फीताशाही को कम से कम करना है, ताकि व्यापार करना और आसान हो। इज़रायली प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को कट्टर इस्लाम से चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी पिछले 3000 साल में इज़रायल आने वाले पहले भारतीय नेता हैं, दुआ है कि भारत और इज़रायल की दोस्ती को किसी की नज़र न लगे।