तीसरी विश्व पंजाबी भाषा विकास कान्फ्रैंस 20 को

रूपनगर, 17 जनवरी (राजन वोहरा) : गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल द्वारा पंजाबी भाषा और गुरमुखी लिप्पी की प्रफुल्लता के लिए तीसरी विश्व पंजाबी भाषा विकास कांफ्रैंस 20 जनवरी को सरकारी कालेज रूपनगर में होगी, जिस में पंजाबी भाषा के विकास के लिए अलग-अलग मुद्दों पर देश विदेश से पहुंचने वाले माहिर पर्चे पढ़ेंगे और गंभीर विचार विमर्श होगा। इस सम्बन्धित संबोधन करते स्टडी सर्कल के चेयरमैन प्रताप सिंह, महा सचिव जतिन्दरपाल सिंह और चीफ कोलैबोरेटर इन्द्रपाल सिंह ने कहा कि आधी सदी पहले पंजाब के पुरखों ने पंजाबी भाषा को राज तख्त पर बिठाने के लिए पंजाबी भाषा पर अधारित सूबे के गठन के लिए कुर्बानीयां दीं। पंजाबी प्रदेश को स्थापित हुए 51 साल और पंजाब राज भाषा एक्ट 1967 को 50 साल हो गए हैं परन्तु अफसोस है कि पंजाबी भाषा को बनता मान सम्मान दिलाने के लिए संजीदा यत्न नहीं किये गए। पंजाबी भाषा विकास और प्रसार केंद्र के महांसचिव मित्र सैन मीत ने कहा कि पंजाब सरकार के प्रशासनिक दफ्तरों में होते केवल चिट्ठी पत्र को ही पंजाबी में करना लाज़िमी किया गया है जो पांच प्रतिशत हिस्सा भी नहीं बनता। इसी तरह विधान सभा में बनते कानूनों को पंजाबी में बनाने की ज़रूरत है। इन कानूनों के पंजाबी अनुवादों को भी अधिकारत तौर पर प्रकाशित नहीं किया जाता। पंजाबी भाषा की यह त्रासदी है कि राज भाषा एक्ट 1967 जिस के द्वारा पंजाबी भाषा को राज भाषा का दर्जा दिया गया आज तक पंजाबी में उपलब्ध नहीं है। इसी तरह संवैधानिक और केंद्र सरकार के कानूनों की व्यवस्था के द्वारा क्षेत्रीय भाषायों को मिले उत्साह के बावजूद पंजाबी को हाईकोर्ट तो क्या जिला स्तरीय अदालतों में भी लागू नहीं किया गया।  इस मौके डा. स्नेह लता बधवार प्रिंसीपल समेत डा. संत सुरिन्दरपाल सिंह वाइस प्रिंसीपल, तेजिन्दर सिंह खिजराबादी, डा. जसबीर कौर प्रमुख होम साईस विभाग, डा. जगजीत सिंह प्रमुख पोस्ट ग्रैजुएट पंजाबी विभाग, प्रो. भगवंत सिंह सत्याल प्रमुख फजिकस विभाग, प्रो. इन्द्रजीत सिंह काहलों, प्रो. जतिन्दर सिंह गिल, डा. जतिन्दर कुमार और डा. सोनदीप मोंगा और कालेज स्टाफ और स्टडी सर्कल के अधिकारी बिकरमजीत सिंह, जसप्रीत सिंह और भुपिन्दर सिंह उपस्थित थे।