मुख्य प्रधान सचिव सुरेश कुमार की नियुक्ति रद्द

चंडीगढ़, 17 जनवरी (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ा झटका देते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी (सी.पी.एस.) सेवानिवृत्त आई.ए.एस. सुरेश कुमार की नियुक्ति को चुनौती देते याचिका स्वीकार करते हुए इस नियुक्ति को गलत करार दिया है। मोहाली के रमनदीप सिंह ने एडवोकेट हरप्रीत सिंह बराड़ के ज़रिए दायर याचिका में बैंच का ध्यान दिलाया था कि सीपीएस टू सीएम एक कैडर पद है और इस पर मौजूदा आई.ए.एस. लगाया जा सकता है। दूसरा यह कि आई.ए.एस. कैडर के पद पर प्रदेश सरकार को नियुक्ति करने का कोई अधिकार नहीं है, यहां तक कि राज्य विधानसभा भी यह नियुक्ति नहीं कर सकती। ऐसी नियुक्ति केवल केन्द्र सरकार ही कर सकती है। इसके अलावा याचिका में कहा गया था कि सुरेश कुमार को सी.पी.एस. नियुक्त करते हुए कैबिनेट सचिव, जोकि एक ही होता है, के बराबर वेतन तय किया गया है और प्रदेश सरकार किसी हालत में भी ऐसी शक्ति नहीं रखती। याचिका में कहा था कि मुख्यमंत्री गोपनीयता की शपथ लेते हैं और सी.पी.एस. सुरेश कुमार की नियुक्ति से गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन भी हो रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसीपल सचिव मुख्यमंत्री के लिए आदेशों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह आरोप भी लगाया गया था कि इस नियुक्ति के लिए सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इस याचिका पर पंजाब सरकार द्वारा देश के पूर्व सालीसिटर जनरल रणजीत कुमार ने पैरवी की थी। केन्द्र सरकार ने इस नियुक्ति से पूरी तरह किनारा कर लिया था।केन्द्र सरकार द्वारा पेश हुए अतिरिक्त सालीसिटर जनरल सत्यापाल ने पैरवी की थी कि यह नियुक्ति किसी सर्विंग आई.ए.एस. के पद के प्रति नहीं की गई और न ही यह नियुक्ति कैडर व न ही एक्स कैडर पद के लिए है। लिहाज़ा इस नियुक्ति से केन्द्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 3 नवम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था और बुधवार को फैसला सुनाते हुए याचिका स्वीकार कर ली गई।