ई.डी. द्वारा राणा इंद्र प्रताप से पूछताछ

जालन्धर, 17 जनवरी (शिव शर्मा) : फेमा (फारेन एक्सचेंज मैनेजमैंट एक्ट) कानून के उल्लंघन के आरोप में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह से इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट ने 6:30 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है। दोपहर 1 बजे शुरू हुई पूछताछ सायं 7 बजे के करीब जाकर खत्म हुई। मामले की गम्भीरता इससे ही देखी जा सकती है कि इस मामले में राणा इंदर प्रताप सिंह से पहली बार इतनी लम्बी पूछताछ का दौर चला है। इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट ने 2 जनवरी को राणा इंदरप्रीत सिंह को अपना कम्पनी राणा शूगज़र् लिमिटेड के नाम पर विदेशों में शेयरों या जी.डी.आर. आज़र् (ग्लोबल डिपोजिटसरी रिसिपट्ज) के रूप में लगभग 100 करोड़ रुपए जुटाने के मामले में समन जारी किए थे। समन जारी होने के बाद राणा इंदर प्रताप सिंह पहले ही इन आरोपों से यह कहकर इन्कार कर चुके हैं कि उन्होंने किसी प्रकार का कोई कानून नहीं तोड़ा और वह ई.डी. के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। राणा इंदर प्रताप सिंह दोपहर बाद 12:35 पर ई.डी. के कूल रोड स्थित कार्यालय पहुंच गए थे, जहां कि बड़ी संख्या में मीडिया कर्मचारी मौजूद थे। राणा इंदर प्रताप सिंह मीडिया कर्मियों ने कुछ जानकारी लेनी चाही परंतु वह सीधे ई.डी. कार्यालय की इमारत में चले गए। वह अपने साथ दस्तावेज़ भी लाए थे। उनसे पूछताछ का काम ई.डी. के डिप्टी डायरैक्टर राहुल सोहू कर रहे थे, जिन्होंने इस मामले में संबंधित सवाल कर जानकारी मांगी थी। पूछताछ में सहायक जांच अधिकारी प्रियंका शर्मा भी शामिल थे। चर्चा तो यह भी है कि इस मामले में ई.डी. द्वारा लिखित दस्तावेज़ भी हासिल किए बताए जा रहे हैं। 
सूत्रों की मानें तो राणा इंदर प्रताप सिंह ने मांगी गई जानकारी विभाग को उपलब्ध करवाई है और जांच में पूरा सहयोग किया है। राणा इंदर प्रताप सिंह को समन जारी करने के मामले में ई.डी. का मानना था कि राणा शुगज़र् ने शेयरों की खरीदो-फरोख्त के मामले में आर.बी.आई. की मंजूरी नहीं ली। ज्ञात हो कि जी.डीआज़र् जारी करने वाली कम्पनियों को फेमा एक्ट के तहत कुछ नियमों का पालन करना होता है। ई.डी. को आशंका थी कि शेयरों के रूप में एकत्रित किए गए फंड को भारत में तबदील करने से पहले मदिरा टापू में रखा था और आर.बी.आई. व सेबी को इस बारे किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई थी। ई.डी. ने अपनी आशंका दूर करने के लिए ही राणा इंदर प्रताप सिंह को समन जारी किया था। राणा इंदर प्रताप सिंह जब पेश हुए थे तो उनके सीधे चंडीगढ़ से ही जालन्धर कार्यालय पेश होने की चर्चा रही। पहले कांग्रेसी समर्थकों के आने की सम्भावना थी परंतु राणा इंदर प्रताप सिंह अकेले ही कूल रोड स्थित ई.डी. के कार्यालय पहुंचे तो बाद में कुछ कांग्रेसी कार्यकर्त्ता कार्यालय पहुंचे हुए थे, जो कुछ समय बाद चले गए थे।राणा इंदर प्रताप सिंह शाम को ई.डी. कार्यालय से वापस आए इंदर प्रताप सिंह ने मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी जानकारी उपलब्ध करवा दी थी और उन्होंने स्पष्ट कहा कि विभाग द्वारा मांगी गई सारी जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है, क्योंकि इस मामले में किसी प्रकार का कोई गलत काम नहीं किया गया और न ही कानून का उल्लंघन किया गया है। पहले 10 सवालों में से 5-6 सवालों के जवाब दे दिया गया था और आज भी बाकी सवालों का जवाब दे दिया गया है। यह सवाल पूछने पर कि उन्होंने फंड लाने के मामले में आर.बी.आई. की स्वीकृति नहीं ली तो उन्होंने कहा कि लाए गए फंड ऑटोमैटिक रूट से आए थे, जिसमें स्वीकृति की ज़रूरत नहीं होती परंतु आर.बी.आई. द्वारा जानकारी मांगने पर सूचना दे दी गई थी जोकि दोबारा भी दी गई है। विभाग को इस बारे सारा डाटा उपलब्ध करवाया गया है। राणा इंदर प्रताप सिंह ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं देना चाहते। शेयरों बारे गारंटी देने बारे पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे कोई गारंटी नहीं दी गई थी और जी. डीआज़र् में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने निवेश किया है।