विश्वास कायम रखना मीडिया के सामने बड़ी चुनौती : विनोद शर्मा

जालन्धर, 18 जनवरी (जसपाल सिंह) : ‘वर्ल्ड पंजाबी टैलीविज़न रेडियो अकैडमी’ और सी.टी. ग्रुप द्वारा पंजाब जागृति मंच के सहयोग के साथ सी.टी. कैम्पस शाहपुर (नकोदर रोड) में करवाई जा रही दो दिवसीय चौथी विश्व पंजाबी मीडिया कान्फ्रैंस के आज पहले दिन ‘मीडिया की आज़ादी’ विषय पर हुए विचार में हिस्सा लेते मीडिया जगत के विभिन्न दिग्गज़ शख्सियतों ने मीडिया पर हो रहे चारों तरफ से हमलों पर चिंता का प्रगटावा करते कहा कि आज मीडिया संस्थानों के सामने विश्वास योग्य बनाए रखना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया को इस समय सरकार दबाव के साथ-साथ बड़ा खतरा कार्पोरेट संस्थानों से भी है। इससे पहले कान्फ्रैंस की शुरुआत डिप्टी कमिश्नर वरिन्द्र कुमार शर्मा द्वारा शमां रौशन करके की गई। इस मौके पर उनके साथ सी.टी. ग्रुप के चेयरमैन स. चरनजीत सिंह चन्नी, देश की राजनीति पर मज़बूत पकड़ रखने वाले सीनियर पत्रकार विनोद शर्मा (हिन्दुस्तान टाइम्ज़), प्रसिद्ध पत्रकार श्री सतनाम सिंह माणक, हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र की प्रसिद्ध शख्सीयत श्री अमित शर्मा (दैनिक जागरण), अंग्रेज़ी पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान डाल रही श्रीमती रचना खैहरा, प्रवासी पंजाबी प्रमुख बाठ, प्रसिद्ध कहानीकार डा. वरियाम सिंह सन्धू, सुखदेव सिंह ढिल्लों, कंवलजीत कौर, पंडित राव धरेनवर के मंच के सचिव श्री दीपक बाली आदि सहित अन्य प्रमुख शख्सीयतें भी उपस्थित थीं। कान्फ्रैंस के प्रमुख प्रबंधक प्रो. कुलबीर सिंह ने सभी का स्वागत किया, जबकि स. चरनजीत सिंह चन्नी ने रस्मी तौर पर कान्फ्रैंस की शुरुआत की। मंच संचालक श्री दीपक बाली के निमंत्रण पर मंच पर सम्बोधित करते डी.सी. वरेन्द्र सिंह शर्मा व प्रमुख बाठ ने इस कान्फ्रैंस के आयोजन के लिए प्रबन्धकों को बधाई दी।बाद में विचार चर्चा आरम्भ करते दोआबा कालेज की पत्रकारिता विभाग के प्रमुख डा. सिमरन सिद्ध ने अपने एक के बाद एक सवालों की बौछार करते विचार चर्चा को सार्थक बनाया। इस अवसर पर राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ पत्रकार श्री विनोद शर्मा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में आई गिरावट का जिक्र कहा कि आज व्यापारिक हित भारी होने के कारण कुछ मीडिया विभाग अपने मिशन और समाज के प्रति जिम्मेवारियों से थिड़क गए हैं परन्तु इसके बावजूद अधिकतर संस्थानों ने आज भी अपनी साख बना कर रखी हुई है व पत्रकारिता क्षेत्र में अहम रोल अदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बड़े संस्थान भी अपनी जिम्मेवारी सही ढंग के साथ नहीं निभा रहे जबकि कुछ छोटे संस्थान आज भी पूरी शिद्दत के साथ समाज को दिशा देने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो दिखाया या पेश किया जाता है, लोग उसी को सच मानते हैं व ऐसे में मीडिया की जिम्मेवारी बढ़ जाती है। परन्तु यदि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुंचाई जाती, ऐसे में लोगों को स्वयं फैसला करना चाहिए कि कौन सही या गलत है। इलैक्ट्रानिक मीडिया पर होती बहस के बारे में बात करते उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल अपनी बात करता ही नहीं, बल्कि दूसरों के विचारों को सुनता भी है व ऐसे में सही या गलत की बहस में नहीं पड़ना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनको अपने समाज के साथ जुड़ कर पत्रकारी करने के लिए प्रेरित किया।
प्रसिद्ध पत्रकार श्री सतनाम सिंह माणक ने इस विचार चर्चा को आगे चलाते हुए कहा कि चाहे इस समय मीडिया को अनेक तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है परन्तु साथ ही हां-पक्षीय सोच को अपनाने का निमंत्रण देते कहा कि निराश होने की ज़रूरत नहीं व दृढ़ संकल्प से इच्छा शक्ति के साथ हर चुनौती से मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज भी कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा बेबाकी के साथ अपनी बात लोगों के सामने रखी जा रही है व उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़े पद हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले पत्रकारिता एक मिशन हुआ करती थी व उस समय पत्रकारों को अनेक मुसीबतें झेलनी पड़ती थीं परन्तु वह अपने रास्ते से डगमगाए नहीं। इसी तरह एमेरजैंसी के दौर में भी पत्रकारों को बहुत कुछ सहना पड़ा परन्तु इसके बावजूद मीडिया व मुख्य तौर पर पंजाबी मीडिया ने समाज को दिशा देने में अपना योगदान डाला है। इस मौके पर श्री माणक ने पत्रकारिता सम्बन्धी विद्यार्थियों का सन्देह दूर करते हुए कहा कि पत्रकारी चमक-दमक वाला व जोखिम भरपूर कार्य है व इसमें निपुण हुए बगैर आप तरक्की नहीं कर सकते।हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे श्री अमित शर्मा ने मीडिया क्षेत्र में कार्पोरेट संस्थानों के दाखिले का जिक्र करते कहा कि गत कुछ समय दौरान कुछ ऐसे कार्पोरेट मीडिया क्षेत्र में आ रहे हैं, जिनका पत्रकारी के क्षेत्र के साथ कोई सम्बन्ध नहीं होता व उनका उद्देश्य केवल व्यापारिक हितों की पूर्ति होती है। ऐसे मीडिया संस्थान अपने पत्रकारिता के सिद्धांतों पर कितना पहरा दे सकेंगे, इसका अंदाज़ा लगाना कोई बहुत कठिन नहीं।
अंग्रेज़ी पत्रकारिता के साथ जुड़ी शख्सीयत श्रीमती रचना खैहरा ने भी मीडिया को दरपेश चुनौतियों के बारे में बात करते कहा कि पत्रकार को समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारियों का एहसास होना बहुत ज़रूरी है। अपने निजी तजुर्बे के आधार पर उन्होंने बात करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा पहले आती है व इस सम्बन्धी किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हालांकि किसी भी चुनौती का सामना करने में पत्रकार खुद समर्थक होता है परन्तु फिर भी संस्थानों का साथ होना बेहद ज़रूरी होता है।