कर्णबीर सिंह का राष्ट्रीय बहादुरी अवार्ड के लिए चयन

अटारी, 18 जनवरी (रुपिन्द्रजीत सिंह भकना): सीमावर्ती गांव मुहावा स्थित 20 सितम्बर 2016 के दिन डिफैंस ड्रेन में स्कूल वैन गिरने से बच्चों की जान बचाने वाले कर्णबीर सिंह पुत्र दविन्द्र सिंह वासी गांव गुल्लूवाल को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति चिल्ड्रन राष्ट्रीय बहादुरी अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। गौरतलब है कि 20 सितम्बर 2016 के दिन मुहावा के निकट से निकलती डिफैंस ड्रेन के पुल से एम.के.डी. डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल नेष्टा के बच्चों से भरी स्कूल वैन पुल के नीचे पानी में गिर जाने से 7 बच्चों की मौत हुई थी जबकि स्कूल वैन में 35 बच्चे सवार थे। इस अवसर पर कर्णबीर सिंह 11वीं कक्षा का विद्यार्थी था। विद्यार्थी कर्णबीर सिंह ने अपनी जान की परवाह न करते हुए वैन में बैठे पानी में डूब रहे नन्हे-मुन्ने बच्चों की जान बचाई थी। इस समय कर्णबीर सिंह 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है। कर्णबीर सिंह को मिल रहे अवार्ड को लेकर क्षेत्र वासी, स्कूल व परिवार में भारी उत्साह है तथा सभी के द्वारा 26 जनवरी को अवार्ड लेकर लौटने वाले कर्णबीर सिंह की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है।इंडियन कौंसिल आफ चाइल्ड वैल्फेयर द्वारा 13 राज्यों के 16 बच्चों का चयन राष्ट्रीय बहादुरी अवार्ड के लिए किया गया था, जिसमें पंजाब से एक ही बच्चे कर्णबीर सिंह का चयन गीता चोपड़ा बहादुरी के लिए किया गया है जो 26 जनवरी को राष्ट्रपति से अवार्ड प्राप्त करेगा। अजीत समाचार द्वारा कर्णबीर सिंह के घर गांव गुल्लूवाल का दौरा किया गया। कर्णबीर के नए बन रहे घर में उसकी दादी प्रकाश कौर, बहन जैसमीन व चाची मौजूद थीं, जोकि कर्णबीर सिंह व उसके पिता दविन्द्र सिंह व मां कुलविन्द्र कौर इंडियन कौंसिल आफ चाइल्ड वैल्फेयर के आह्वान पर दिल्ली गए हुए थे। जहां कर्णबीर सिंह द्वारा 26 जनवरी के समारोहों में भाग लेने के लिए रिहर्सल में भाग लिया जा रहा है।इस अवसर पर कर्णबीर की दादी ने कहा कि वह कर्णबीर को अवार्ड मिलने पर बहुत खुश है परन्तु उसको इस अवसर मारे गए बच्चों के लिए दुख है। भावुक होते प्रकाश कौर ने कहा कि काश सभी बच्चे कर्णबीर बचा लेता। उन्होंने बताया कि कर्णबीर स्वयं पानी में घुसने से डरता है परन्तु उस दिन उसने भगवान की कृपा से बड़ा व अच्छा काम किया। उन्होंने कहा कि बेशक कर्णबीर के दोस्त खुशी मनाने की तैयारियां कर रहे हैं परन्तु वे चाहते हैं कि बाहर किसी तरह की खुशी न मनाई जाए। इस अवसर पर बहन जैसमीन भी खुश थी तथा अपने भाई की बहादुरी पर गर्व कर रही थी। इस अवसर पर दिल्ली के समारोहों में भाग ले रहे कर्णबीर सिंह के साथ पत्रकार द्वारा बात की तो उसकी खुशी झेली नहीं जा रही थी। उसने कहा कि उसको अपने स्कूल के बच्चों की जान जाने का दुख परन्तु सरकार ने उसको अवार्ड देकर उसके द्वारा किए कार्यों का मोल डाला है। वीडियो कालिंग में उसके द्वारा सायं समय भारतीय सेना के प्रमुख जन. रावत द्वारा मुलाकात के समय दिए पदक व तोहफे दिखाते कहा कि कल को उनको दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलाया जा रहा है। इस अवसर पर उसके साथ उपस्थित माता व पिता ने कहा कि कर्णबीर सिंह ने क्षेत्र का ही नहीं पंजाब का नाम भी रौशन किया है। इस अवसर पर कर्णबीर सिंह के स्कूल एम.के.डी. डी.ए.वी. स्कूल नेष्टा के प्रिंसीपल परमजीत कुमार ने इसका स्वागत करते कहा कि बेशक जिस कार्य के लिए अवार्ड मिल रहा है वह दुखदायी है परन्तु कर्णबीर द्वारा किए बहादुरी भरे कार्य के लिए सरकार द्वारा मिले सम्मान का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल मैनेजमैंट द्वारा कर्णबीर को 50 हज़ार रुपए के नकद इनाम व उसकी व उसकी बहन सहित अन्य बच्चों की पढ़ाई मुफ्त कर सम्मानित किया जा चुका है।