निगम चुनावों में कैप्टन की बेरुखी से नाराज़ हैं सिद्ध

जालन्धर, 22 जनवरी : पंजाब के तीन शहरों में हुए निगम चुनावों व अब मेयरों के हो रहे चुनाव में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा दिखाई बेरुखी के कारण स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध बहुत नाराज़ बताए जा रहे हैं। प्रतीत होता है कि सिद्ध  को यह शिकवा है कि उन्हें अपने ही विभाग की अहम गतिविधियों से बाहर रखने का प्रयास किया गया है। बतौर मंत्री उन्हें निगम चुनावों की कमान सम्भालना तो दूर बल्कि अहम फैसले लेने वाली बैठकों में भी शामिल करने से नज़रअंदाज़ किया गया। मेयरों के चयन में भी सिद्ध  को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। सिद्ध के प्रति अपनाई बेरुखी वाले व्यवहार बारे तो खुद मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं। इसी तरह विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध उठाए कदमों बारे भी सरकार के प्रसोनल विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से भी सिद्ध  काफी हताश बताए जा रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि मेयरों के चयन हेतु मंत्रियों की ड्यूटियां लगाना और फिर मेयर पद के लिए चुने जाने वाले नेताओं की सूची बनाए जाने की प्रक्रिया में से भी वह दूर ही रखे गए हैं। हद इस बात की है कि 23 जनवरी को अमृतसर के मेयर के चयन हेतु पहली बैठक होने जा रही है और बतौर अमृतसर के विधायक उन्हें बैठक में शामिल होने का निमंत्रण भी नहीं मिला। सिद्ध के नज़दीकी सूत्रों का कहना है कि बिना बुलाए सिद्ध  श्री दरबार साहिब या दुर्ग्याणा मंदिर तो जा सकते थे परंतु किसी बैठक में नहीं जाएंगे। इस तरह सिद्ध के मेयर के चयन वाली बैठक में जाने बारे भी प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। अमृतसर के मेयर के चयन हेतु पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा को ज़िम्मेवारी सौंपी गई है। जालन्धर व पटियाला के लिए अन्य मंत्री को ज़िम्मेवारी सौंपी गई है। यह भी बताया जाता है कि सिद्ध अन्य शहरों में बनने वाले मेयरों व दूसरे पदाधिकारियों बारे भी पूरी तरह अनभिज्ञ ही हैं।