जलवायु परिवर्तन व आतंकवाद दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चिंता : मोदी


दावोस (स्विट््ज़रलैंड), 23 जनवरी (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद को आज दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चिंता बताया। यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मोदी ने भारत की आर्थिक नीतियों में सुधार के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों तथा देश में निवेश के बेहतर अवसरों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही विश्व के हालात पर भारत का व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। मोदी डब्ल्यूईएफ के इस सालाना आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। मोदी ने कहा कि आतंकवाद खतरनाक है लेकिन आधिकारिक रूप से अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के बीच कृत्रिम भेद पैदा किया जाना उतना ही खतरनाक है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या को लेकर भारत के रुख के बारे में सभी जानते हैं, इसलिये इस मुद्दे के विस्तार में वह नहीं जाना चाहते। प्रधानमंत्री मोदी यहां विश्व आर्थिक मंच की 48वीं सालाना बैठक को संबोधित करने के लिये कल यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में शांति, सुरक्षा और स्थायित्व का मुद्दा काफी गम्भीर चुनौती बनकर उभरा है। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की सम्भावनाओं पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि आखिरी बार 1997 में जब भारतीय प्रधानमंत्री दावोस की बैठक में आए थे तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 400 अरब डालर से कुछ अधिक थी। अब यह उसके छह गुणा से अधिक बढ़ चुका है।
दावोस में मोदी ने भाषण में की बड़ी चूक : विश्व आर्थिक मंच से अपने सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बडी भूल कर बैठे जिसे बाद में ठीक किया गया। मोदी ने आज अपने भाषण के दौरान भारत में मतदाताओं की संख्या 600 करोड़ होने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री के भाषण को प्रधानमंत्री कार्यालय के ट््वीटर अकाउंट से भी इस गलती को ट््वीट किया। हालांकि बाद में इस ट््वीट को डिलीट कर दिया गया। किंतु इससे पहले यह 100 से अधिक बार रीट््वीट किया जा चुका था। उन्होंने दावोस में दुनिया के उद्योगपतियों से मिलकर भारत में मौजूद निवेश अवसरों के बारे में बताया व भारतीय कम्पनियों के कार्यकारी अधिकारियों से भी बैठक की। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री स्वदेश रवाना हो गए।