लोगों का पैसा सुरक्षित, बैंकों की सेहत सरकार के हाथ में : जेतली

नई दिल्ली, 24 जनवरी (उपमा डागा पारथ) : सरकारी बैंकों की हालत में सुधार लाने को केन्द्र की प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेतली ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 20 सरकारी बैंकों में 88,000 करोड़ की पूंजी लगाने का ऐलान किया। सरकारी बैंकों की ‘सेहत’ और दुरुस्त करने के लिए केन्द्र ने बैंकों द्वारा दिए जा रहे कज़र्ों की नज़रसानी करने का भी फैसला किया, जिसके तहत 250 करोड़ रुपए से अधिक के कज़र् की अलग तौर पर निगरानी की जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज बैंकों में सुधार संबंधी की प्रैस कान्फ्रैंस में सरकारी बैंकों की समस्या को विरासत में मिली समस्या करार देते हुए कहा कि सरकार इन दिक्कतों से निपटने की कोशिश में है।जेतली ने कहा कि सरकारी बैंकों में पूंजी लगाने का मकसद कज़र् के प्रवाह को बढ़ाना है। सरकार द्वारा उठाया यह कदम गत वर्ष अक्तूबर में केन्द्र द्वारा घोषित की गई उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत केन्द्र द्वारा दो मौजूदा वित्तीय वर्षों 2017-18 व 2018-19 में 2.1 लाख करोड़ की पूंजी बैंकों में लगाई जानी थी। मौजूदा वित्त वर्ष में केन्द्र सबसे अधिक पूंजी आईडीबीआई बैंक में लगाएगा जोकि 10,610 करोड़ की राशि होगी। इसके अलावा स्टेट बैंक आफ इंडिया में 8800 करोड़ व बैंक आफ इंडिया में 9232 करोड़ की पूंजी लगाई जाएगी। सरकारी बैंकों के प्रति लोगों की उठ रही आशंकाओं को शांत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों में रखा लोगों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है व बैंकों की सेहत सरकार के हाथ में है। उन्होंने अपने बयान को आंकड़ों के साथ जोड़ते हुए कहा कि देश के बैंकिंग क्षेत्र में 70 फीसदी योगदान सरकारी बैंकों का है।