स्वस्थ, सुंदर आंखों के लिए


आंखें शरीर का अमूल्य अंग हैं, जिनका महत्त्व वही समझ सकता है जिसके पास आंखें न हों यानी अंधा हो। आंखें हैं तो जहान है वरना तो अंधेरा ही अंधेरा है।
प्रकति प्रदत्त इस अनमोल उपहार को सम्भालकर रखना कदापि कठिन नहीं है। बस, आवश्यकता है अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालने की। कुछ बहुत साधारण लेकिन महत्त्वपूर्ण क्रियाएं व सावधानियां आंखों की ज्योति और सुंदरता के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
पलकें झपकाना : लगातार घूर कर देखते रहने और पलकें न झपकने से आंखों की ज्योति व सुंदरता नष्ट होने लगती है अत: पलकों को बार-बार झपकाते रहना चाहिए।
आंखों की मसाज : दोनों हथेलियों को मिलाकर इतनी बार रगड़ें कि हथेलियां गर्म हो जाएं। हथेलियों को आंखों पर रख कर सेंक करें एवं हल्के से दबा कर गोल घुमा कर आंखों की मसाज करें। हल्का-सा दबाव डालें व छोड़ें।
नेत्र स्नान : जिस प्रकार शरीर की स्वच्छता के लिए प्रतिदिन स्नान आवश्यक है, उसी तरह नेत्रों की स्वच्छता के लिए भी नेत्र स्नान आवश्यक है। दिन में 5-बार मुंह में ठंडा पानी भर कर दोनों आंखें बंद करके 15-20 बार हल्के हाथों से आंखों पर पानी के छींटे मारें। इससे थकान भरी आंखों को आराम मिलेगा।
सूर्य दर्शन : उगते सूर्य की लालिमा को खुली आंखों से निहारें। सूर्य थोड़ा ऊपर उठ कर तेज हो जाए, तब पलकें बंद कर सूर्य की तरफ मुंह करके थोड़ी देर ठहरें। चांदनी रात में चंद्रमा को देखें। हरा कांच या जिलेटिन आंखों पर लगा कर सूर्य की किरणों को आंखों पर डालना भी हितकारी है।
आहार, विहार : आंखों की ज्योति व सुंदरता के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार आवश्यक है। निश्चित समय पर दोनों वक्त भोजन करें, खूब चबा-चबा कर खायें, सादा, सुपाच्य व ताजा भोजन करें। सुबह शाम दोनों वक्त शौच के लिए जाएं और कब्ज़ कदापि न होने दें। मौसमी फलों व हरी सब्ज़ियों को खाने में प्रचुर मात्रा में शामिल करें।
आंखों के व्यायाम : दीवार पर एक बिंदू को केन्द्र बनाकर पूर्ण एकाग्रता से देखें। यह क्रिया 2-3 मिनट तक करें, यह आंखों के लिए उपयोगी व्यायाम है। सर्वांगासन नेत्र विकार दूर करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। रात को सोते समय पैरों के तलवों पर तेल की मालिश करें। इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है। (स्वास्थ्य दर्पण)
-उमेश कुमार साहू