कांग्रेस ने देश के टुकड़े किए : मोदी

नई दिल्ली, 7 फरवरी (भाषा, उपमा डागा पारथ) : नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि कांग्रेस ने देश के टुकड़े करने का काम किया और कांग्रेस के लोगों ने पूरा समय एक ही परिवार के गीत गाने में लगा दिया जिसके कारण देश की जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठा दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि सिर्फ विरोध की खातिर विरोध करना कितना उचित है। ‘‘मेरी आवाज़ दबाने की इतनी कोशिश नाकाम रहेगी। सुनने के लिये हिम्मत चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने जब जवाब देना शुरू किया तब कांग्रेस और वामदलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाज़ी करने लगे। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब आपने देश का विभाजन किया, तब जो जहर बोया, आज आज़ादी के 70 साल बाद एक दिन ऐसा नहीं जाता है जब आपके उस पाप की सज़ा 125 करोड़ हिंदुस्तानी नहीं सहते हों। आपने देश के टुकड़े किए।’’ नेहरू गांधी परिवार पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग जिन विचारों से पले बढ़े हैं, वैसा माहौल उन्हें देश की आज़ादी के बाद मिला था। पंचायत से संसद तक वे ही थे। देश में उनका कोई विरोध नहीं था। ‘‘लेकिन आपने पूरा समय एक परिवार के गीत गाने में लगा दिया। देश के इतिहास को भुलाकर सारी शक्ति इसमें लगा दी।’’  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपने मां भारती के टुकड़े कर दिये, उसके बाद भी देश आपके साथ रहा था। आप उस जमाने में देश पर राज कर रहे थे । रेडियो, टीवी आपकी भाषा बोलते थे। न्यायपालिका में नियुक्ति आप करते थे। तब पीआईएल नहीं होते थे।’’ उन्होंने कहा कि उस समय देश को आगे ले जाने का अगर जज्बा होता, जिम्मेदारी से काम किया होता तो देश की जनता में सामर्थ्य था कि देश कहां से कहां पहुंचा देते। लेकिन आप अपनी ही धुन गाते रहे, एक परिवार के गीत गाते रहे। मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को लगता है, जैसे कि 15 अगस्त 1947 से पहले भारत नाम का देश था ही नहीं। इसे अहंकार नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए। कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि लोकतंत्र नेहरू लेकर आए, जबकि बिहार में लिच्छवी गणराज्य में 2500 वर्ष पहले लोकतंत्र था। उस समय चर्चा होती थी, वोटिंग होती थी।प्रधानमंत्री ने कहा कि संसदीय प्रणाली, लोकतंत्र, देश, विपक्ष ये सारे जिम्मेदारी के विषय हैं। यह पता होना चाहिए। देश एक नये भारत के सपने को लेकर आगे बढ़ना चाहता है। महात्मा गांधी ने युवा भारत की बात कही थी, स्वामी विवेकानंद ने नए भारत की बात कही थी। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए भारत की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘‘आलोचना लोकतंत्र की ताकत है, होनी चाहिए। लेकिन लोकतंत्र झूठे आरोप लगाने का हक नहीं देता है, राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए देश को निराश करने का अधिकार किसी को नहीं देता है।’’ मोदी ने कहा कि जब भी विपक्ष में कुछ लोग आलोचना करते हैं तो उसमें तथ्य नहीं होते। भारत की आज़ादी के साथ कई देश आज़ाद हुए। वे देश हमसे तेज़ गति से आगे बढ़े हैं। हम नहीं बढ़ पाए, इस बात को मानना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में पंडित जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना साधा। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आपने सही नीति बनाई होती, नीयत साफ होती तो देश आज से कई गुना आगे और अच्छा होता।’’ कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि देश को नेहरू ने, कांग्रेस ने लोकतंत्र दिया। ‘‘आपको पता होगा। जब लिच्छवी साम्राज्य था, जब बौद्ध परम्पराएं थीं तब भी हमारे देश में लोकतंत्र की गूंज थी। नेहरू जी ने लोकतंत्र नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक के जगदगुरु बसवेश्वर ने अभिनव मंडपम की स्थापना की थी। गांव के सारे निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से होते थे। महिला सशक्तीकरण का काम होता था। बारहवी शताब्दी में लोकतंत्र को प्रतिस्थापित करने का काम हुआ था। मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी परम्पराओं में है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग किस मुंह से लोकतंत्र की बात करते हैं। इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्य सरकारों को, उन राज्यों में उभरती पार्टियों को उखाड़कर फेंक दिया गया।  कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप एक परिवार को ही लोकतंत्र मानते हो।’’ प्रधानमंत्री जब अपनी बात रख रहे थे तब सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस, तृणमूल और वामदलों ने सदन से वाकआउट किया। मुख्य विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस में व्यापक समर्थन के बावजूद सरदार वल्लभ भाई पटेल को नेतृत्व नहीं दिया गया। अगर पटेल प्रधानमंत्री बनते तो कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास नहीं होता। उन्होंने राहुल पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी ने प्रेस के सामने कैबिनेट के निर्णय के टुकड़े टुकड़े कर दिये। ऐसे में कांग्रेस के लोगों के मुंह से लोकतंत्र की बात शोभा नहीं देती। कांग्रेस, वामदल सदस्यों के हंगामे के बीच मोदी ने कहा, ‘‘मेरी आवाज़ दबाने की इतनी कोशिश नाकाम रहने वाली हैं। सुनने की हिम्मत चाहिए।’’ मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर किए गए तीखे हमलों को राज्यसभा में भी अपने जवाब में जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस बेशक भारतीय जनता पार्टी तथा उनकी कितनी भी आलोचना करे लेकिन वह इसके बहाने हिन्दुस्तान की बुराई और आलोचना न करे। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद के ‘गांधी वाला पुराना भारत’ लौटाने के बयान पर मोदी ने कहा कि उन्हें भी गांधी वाला ही भारत चाहिए जिसमें उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का विचार मेरा नहीं बल्कि गांधी जी का था। राष्ट्रपिता का यह मानना था कि आज़ादी के बाद कांग्रेस की कोई ज़रूरत नहीं है और उसे भंग कर देना चाहिए।  हम तो राष्ट्रपिता के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं।