विभाजन के 71 वर्ष बाद भी भारत को नहीं मिल सका लाहौरी नमक का विकल्प

अमृतसर, 8 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़): समुद्र के खारे पानी से तैयार होने वाला साधारण नमक गुजरात, मद्रास (चेन्नई) आदि के समुद्रों पर बड़ी मात्रा में देशभर में उपलब्ध करवाया जा रहा है जबकि लाहौरी (सेंधा) नमक को पाकिस्तान से मंगवाने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प नहीं है। ‘अजीत समाचार’ से यह जानकारी साझी करते अमृतसर स्थित लाहौरी नमक के व्यापारी श्री राजन खन्ना ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा ज़िला जिहलम के गांव दादन खान की खेवड़ा खान से निकाला लाहौरी नमक भारत भेजा जा रहा है। वहां सुरंगों में 100 फुट से अधिक मोटाई वाली नमक की परत वाली खान में खुदाई करके यह नमक निकाला जाता है। उक्त के साथ-साथ पश्चिमी पंजाब की वर्चा व काला बाग खानों से भी सेंधा नमक प्राप्त किया जा रहा है। श्री खन्ना के अनुसार भारत द्वारा हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में गुम्मा व धड़म्म क्षेत्रों में की खुदाई के बाद सेंधा नमक की खानें होने की संभावना बताई गई थी, परन्तु इस में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने बताया कि पहले लाहौरी नमक पाकिस्तान से आने वाली माल गाड़ी की मार्फत भारत भेजा जाता था, परन्तु बाद में नमक के ढेलों के साथ नशीले पदार्थों की तस्करी व अन्य आपत्तिजनक सामान पहुंचने के मामले सामने आने के बाद नमक मंगवाने का यह तरीका बदल दिया गया। अब आई.सी.पी. (इंटेग्रेटिड चैक पोस्ट) अटारी में पाकिस्तानी व्यापारियों द्वारा नमक के ट्रक भेजे जाने के बाद वहां भारतीय ट्रकों में इसकी लोडिंग करवा कर इसको देश के विभिन्न शहरों में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि नमक के भारतीय व्यापारियों द्वारा पाकिस्तान से रोज़ाना 400 टन के करीब लाहौरी नमक के 8 से 10 ट्रक आई.सी.पी. अटारी की मार्फत अमृतसर, लुधियाना व दिल्ली मंगवाये जा रहे हैं। यहां लाहौरी नमक के विभिन्न व्यापारियों द्वारा नमक की पिसाई करवा कर व छोटे ढेलों के रूप में यह देश भर के गांवों, शहरों के भीतरी करियाना दुकानों व स्टोरों पर उपलब्ध करवाया जाता है। अपनी शुद्धता व आयुर्वैदिक गुणों के चलते यह नमक सिर्फ घरों में ही प्रयोग में नहीं लाया जा रहा, बल्कि हकीमों द्वारा भी विभिन्न प्रकार के तैयार किये चूर्णों व दवाइयों में यह इस्तेमाल किया जा रहा है। पाकिस्तान द्वारा भारत में अधिकतर लाल, सफेद, गुलाबी, काले व भूरे रंग वाला लाहौरी नमक भेजा जा रहा है, जबकि पाकिस्तान स्थित नमक की खानों में हल्के या गहरे नीले रंग, बैंगनी, नारंगी व पीले रंगों में भी यह नमक पत्थरों के रूप में पाया जाता है।वर्णनीय है कि सिख मिसलों समय लाहौरी नमक सिर्फ नार्थ वैस्ट फ्रंटियर पोस्ट (नया नाम खैबर पख्तूनखवा) व गांव दादन खान की खेवड़ा खान से मंगवाया जाता था। अमृतसर से काबिज़ भंगी मिसल द्वारा कटड़ा झंडा सिंह भंगी में नमक की मंडी कायम की गई थी, जो सिख राज्य व अंग्रेज़ी शासन के बाद देश के विभाजन के कई वर्ष बाद तक भी आबाद रही। चाहे कि देश के विभाजन को हुए आज 70 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, परन्तु इसके बावजूद पाकिस्तान द्वारा  निर्यात किये जाने वाले उक्त लाहौरी नमक के तौर पर प्रसिद्ध सेंधा नमक (चट्टानी नमक) का कोई विकल्प भारत में सामने नहीं आ सका है।