गुरदासपुर में पकड़ा नकली पनीर होशियारपुर ज़िले में किस-किस को होता था सप्लाई जांच का विषय

होशियारपुर, 9 फरवरी (बलजिंदरपाल सिंह) : होशियारपुर ज़िले में विभिन्न होटलों रैस्टोरैंटों तथा अन्य खाने-पीने की दुकानों पर बिक रहा पनीर तब किसी खाने वाले के लिए जानलेवा साबित हो कहा नहीं जा सकता। आम तौर पर देखने में आता है कि स्वाद तथा अच्छी सेहत के लिए खाने के शौकीनों की पहली पसंद पनीर होती है। गुरदासपुर में नकली पनीर की फैक्टरी पकड़ी गई, तो वहां बनने वाला पनीर जब सिंथैटिक निकला तो इसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि यह नकली पनीर विभिन्न ज़िलों के अलावा होशियारपुर में भी सप्लाई किया जाना था। इस खुलासे के बाद भी अभी तक सेहत विभाग कुंभकर्णी नींद सोआ पड़ा है। न तो किसी ने यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर यह नकली पनीर किस-किस को सप्लाई किया जाना था तथा सफेद पनीर के इस काले कारोबार में कौन-कौन शामिल है? यह भी पता लगाने के लिए विभाग ने कोई कोशिश तक नहीं की। यहां उल्लेखनीय है कि विवाह शादियों तथा त्योहारों का मौसम होने के कारण दूध तथा उससे बनने वाले पदार्थों की बाज़ार में मांग बढ़ जाती है जिसका लाभ उठाते सस्ते मूल्य पर दुकानदार यह संथैटिक पनीर खरीद कर काफी लाभ उठाते है। सूत्रों अनुसार गुरदासपुर ज़िले में से पहले भी सिंथैटिक पनीर तथा दूध बरामद होता रहा है तथा जो पूरे होशियारपुर ज़िले में सप्लाई होता था बताया जा रहा है। सूत्रों अनुसार यह भी पता चला है कि होशियारपुर शहर में रोज़ाना सुबह गाड़ियों द्वारा गुरदासपुर ज़िले से सिंथैटिक दूध तथा पनीर की सप्लाई की जाती है।