प्रवासी पंजाबियों ने विदेशों में अपनी विरासत को संभाल कर रखा : परनीत कौर

पटियाला, 10 फरवरी (आतिश गुप्ता) :  नैतिक शिक्षा बच्चों को स्कूल में नरसरी से ही दी जानी चाहिए, जिस से वह भविष्य में समाज के अच्छे नागरिक बन सकें। इस बात का प्रगटावा पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर ने उतरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कालिदास आडीटोरियम में विश्व पंजाबी विकास कान्फ्रेंस में अपने संबोधन दौरान किया। परनीत कौर इस कान्फ्रेंस में बतौर मुख्य मेहमान पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमारी इज्जत हमारी अपनी मातृ भाषा के साथ ही है यदि हम अपनी मातृ भाषा प्रति समर्पित होंगे तो ही हम समाज में अच्छा स्थान रख सकते हैं। उन्होंने इस मौके पंजाबी भाषा के विकास में सहयोग करने वाले प्रवासी पंजाबियों बारे कहा कि प्रवासी पंजाबी ने विदेशों में भी अपनी विरासत को संभाला है और विदेशों में जा कर इज्जत कमाई है। परनीत कौर ने कहा कि यदि यूनिवर्सिटियां पंजाबी के विकास में सहयोग देने तो पंजाबी भाषा और नैतिक कद्र -कीमतों का विकास तेजी के साथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृ भाषा को समय का साथी बनाए रखने के लिए इंटरनेट पर भी पंजाबी भाषा को प्रफुलित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि चाहे पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला इस काम में आगे भूमिका निभा रही है फिर भी हम इस क्षेत्र में ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डा. इंद्रजीत कौर जिन पंजाबी में जिंगल तैयार किए हैं वह भविष्य में कुछ जिंगल नैतिकता पर भी जरूर बनाए जिससे आज की पीड़ी मनोरंजन के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी प्राप्त कर सके। परनीत कौर ने कहा पंजाब सरकार पंजाब की विरासत को संभालने के लिए हमेशा ही यतनशील रही है अब भी पटियाला में तारीख़ 21 फरवरी से सप्ताहिक विरासती मेले का आयोजन किया जा रहा है जिससे पंजाबी सभ्याचार बारे नौजवान पीड़ी जानकार हो सके। इस उपरांत कान्फ्रेंस के कोआर्डीनेटर श्रीमती अनूपइंदर कौर संधू ने परनीत कौर को सम्मानित किया। इस कान्फ्रेंस की शुरुआत मौके परनीत कौर ने अकाल सहाय अजायब घर लुधियाना की तरफ  से लगाई पुरातन ऐतिहासिक प्रदर्शनी को देखने से और इस की प्रशंसा की उस उपरांत क्षमा रौशन करके कान्फ्रेंस की शुरुआत की। सब से पहले पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के गुरमति संगीत विभाग के विद्यार्थियों की तरफ  से शब्द गान किया गया। इस उपरांत इंद्रजीत सिंह प्रधान पंजाब पीपल आर्गेनाइजेशन कैनेडा की तरफ  से कान्फ्रेंस में उपस्थित विद्वान का स्वागत किया गया और डायरैक्टर वर्ल्ड पंजाबी सैंटर डा. दलबीर सिंह ढिल्लों द्वारा आए आदरणिय का धन्यवाद किया गया। इस मौके परनीत कौर की तरफ  से अरविंदर ढिल्लों की तरफ  से सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ’नैतिक नियम’ विषय की किताब को जारी किया गया। इस मौके अजैब सिंह चट्ठा चेयरमैन विश्व पंजाबी कान्फ्रेंस ने कहा कि हमारी की तरफ  से यह कान्फ्रेंसों को करवाने का मुख्य मकसद पंजाबी भाषा संबन्धित विदेशों में बसे पंजाबियों को अपनी भाषा के साथ जोड़ने का एक प्रयास है और वहां जन्म ले बच्चों को अपने अमीर विरसे से जानकार करवाना है, उन्होंने बताया कि हम अब तक कैनेडा में 2009, 2011, 2015 और 2017 में विश्व पंजाबी कान्फ्रेंस करवा चुके हैं और भविष्य में भी ऐसे यत्न किए जाते रहेंगे। इस मौके पंजाबी भाषा के विकास में सेमती योगदान डालने वाली शखसियता का सम्मान किया गया जिस में हरजिंदर कौर कंग, यशवीर गोयल जो आई.टी. में नेशनल चैंपियन बने हैं, प्रिंसिपल जसविंदर सिंह, डा. हरबंस सिंह, चरनजीत सिंह बाठ, डा. गुरमेल सिंह, डा. रवेल सिंह, हरमीत सिंह हेयर, अजैब सिंह चट्ठा, डा. बी.एस घूमन, राजेश पजोला, करन अजैब सिंह संघ, राजविंदर सिंह और चरनजीत सरोआ का सम्मान किया गया। कान्फ्रेंस के पहले सैशन की अध्यक्ष्ता राजिंदर बराड़ द्वारा की गई जिस में धरमिंदर सिंह ऊभा, डा. तारा सिंह और डा. जसविंदर सिंह की तरफ  से पर्चे पढ़े गए। कान्फ्रेंस के दूसरे सैशन की अध्यक्ष्ता करन अजैब सिंह ने की और इस में डा. हरबंस सिंह और डा. जतिइंदर सिंह सिद्धू की तरफ  से पर्चे पढ़े गए। इस कान्फ्रेंस में डिप्टी कमिशनर पटियाला कुमार अमित, पूर्व लोक संपर्क अफसर उजागर सिंह, डा. गुरमीत मान, हरविंदर सिंह ढिल्लों, हरिंदर हुंदल, डा. गुरमेल सिंह, डा. इंद्रा बाली, इंद्रजीत सिंह खरोड़ समेत बड़ी संख्या में पंजाब प्रेमी उपस्थित थे।