राजनीतिक, व्यापारिक व रोज़गार के क्षेत्र में लाभदायक साबित हो सकती है ट्रूडो की यात्रा

अमृतसर, 12 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़) : वर्ष 1914 में कनाडा में सिखों के दाखिले पर वहीं की सरकार द्वारा लगाई पाबंदी के लिए हाऊस आफ कामन्ज़ में माफी मांग कर पंजाबियों और मुख्य तौर पर सिख भाईचारे के दिलों में विशेष स्थान बना चुके कनाडा के मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा राजनीतिक दलों व व्यापारिक क्षेत्र के साथ जुड़े संगठनों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। माना जा रहा है कि ट्रूडो की इस यात्रा के साथ जहां दोनों देशों में व्यापारिक सम्बन्धों में बड़ी वृद्धि होगी, वहीं यह यात्रा सिख भाईचारे के साथ जुड़े संवेदनशील मसलों को हल कराने में भी कारगर साबित होगी। कैनेडियन हाई कमिशन के अनुसार जस्टिन ट्रूडो 21 फरवरी को सुबह 10 बजे मुम्बई से हवाई जहाज़ द्वारा सीधे अमृतसर पहुंगे और यहां करीब डेढ़ घंटा रुकेंगे। इस दौरान वह सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों के साथ भी मुलाकात करेंगे। वर्ष 1984 के दिल्ली दंगों में जिम्मेदार लोगों को सज़ा और पीड़ितों को इंसाफ देने में पूरी तरह से असमर्थ रही सरकारों के रवैये से असन्तुष्ट भारतीय व विशेष तौर पर विदेशी सिख भाईचारे के लोग उक्त के साथ-साथ सिखों के साथ जुड़े कई अन्य गम्भीर मामलों के हल के लिए जस्टिन ट्रूडो की इस यात्रा से उम्मीद लगाए हुए हैं कि उक्त मसलों के हल के लिए केन्द्र सरकार के साथ गहराई से बातचीत करेंगे। यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि कैनेडियन प्रधानमंत्री और भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात के मध्य उक्त मामलों के साथ-साथ दोनों देशों में व्यापार संबंध मज़बूत करने, कनाडा में पढ़ाई और नौकरियों के लिए वीजा प्रणाली को सरल करने, अमृतसर से कनाडा के लिए सीधी हवाई उड़ानें आरम्भ करने और कनाडा में पक्के तौर पर रह रहे भारतीयों पर किए जाने वाले नस्ली हमलों को समाप्त करने जैसे मसलों के हल के लिए गहराई से बातचीत की जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समय कनाडा में 13 लाख से अधीक भारतीय मूल के नागरिक रह रहे हैं, जिनमें बड़ी गिणती पंजाब से गए सिख भाईचारे की है। वैन्कूवर के सरी शहर में तो हर तीसरा व्यक्ति पगड़़ीधारी है। भारतीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा मनपसंद डेसटिनेशन (मंजिल) बन रहा है और गत वर्ष लगभग सवा लाख भारतीय विद्यार्थियों के पास कनाडा का स्टडी परमिट था। इसके अतिरिक्त भारत पर कनाडा में कूटनीतिक साझेदारी के साथ 8 अरब डालर का कारोबार है और सूत्रों का दावा है कि ट्रूडो की इस यात्रा के अवसर पर दोनों देशों में आर्थिक सम्बन्धों को मज़बूत करने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ट्रूडो विभिन्न बिजनैस गोल मेज चर्चा में हिस्सा लेते हुए मध्य वर्ग के भारतीयों के लिए कनाडा में नौकरियां, विद्यार्थियों के लिए स्टडी परमिट की संख्या में वृद्धि, उनको रोज़गार के अधिकतर अवसर उपलब्ध करवाने और व्यापार में वृद्धि करने जैसे मुद्दों पर बातचीत करेंगे।दूसरी तरफ पिछले वर्ष अप्रैल माह में पंजाब पहुंचे कनाडा के रक्षा मंत्री स. हरजीत सिंह सज्जन को खालिस्तान समर्थक बताते हुए मिलने से इनकार कर चुके पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी आशा प्रकट की है कि पंजाब दौरे पर आ रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ पंजाब और कनाडा के सम्बन्धों के बारे उनकी बैठक फायदेमंद होगी। मुख्यमंत्री के अनुसार कनाडा के रक्षा मंत्री स. हरजीत सिंह सज्जन और प्राथमिक ढांचा मंत्री स. अमरजीत सिंह सोही द्वारा खालिस्तान लहर के साथ कोई सम्बन्ध न होने के दिए गए स्पष्टीकरण ने यह साफ कर दिया है कि उक्त मंत्री कभी भी खालिस्तान के समर्थक नहीं रहे और ट्रूडो सरकार अपनी धरती से भारत विरोधी कार्रवाईयां करने की आज्ञा कभी भी नहीं देगी।