घरेलू सहायक से कैसे निभाएं

शहरी महिलाएं अधिक व्यस्तता के कारण और दोहरी ज़िंदगी जीते हुए घर-परिवार के लिए समय कम दे पाती हैं, ऐसे में उन्हें आवश्यकता होती है घर के कुछ कामों में हाथ बंटाने वाली मदद की।
मदद वे तीन प्रकार से ले सकती हैं—एक तो उन पार्ट टाइम महरियों से जो प्रात: शीघ्र आकर उनके घर में रहते हुए सफाई, बर्तन, और कपड़ों की धुलाई करके घर चली जाएं, दूसरी सुबह से शाम तक, जो घर रहकर दिन का खाना, बच्चों का ध्यान रखना और रात के लिए सब्ज़ी आदि तैयार कर शाम को 6 से 7 बजे अपने घर चली जाती हैं। उन सहायकों को रखने के बाद उनसे किस प्रकार से काम लिया जाए, इसका प्रबंधन करना भी एक कला है।
* पहले ही दिन सहायक रखते समय काम की स्थिति, समय और वेतन स्पष्ट कर लेना चाहिए।
* पार्टटाइम मदद लेने वालों को अपनी दिनचर्या के बारे में पूरा बता कर रखें और उन्हें काम पर तभी रखें, जब आपके समय के अनुसार आपकी मदद कर सकने में सक्षम हों।
* कभी-कभी देर से आने पर उसको स्वीकार कर लेना चाहिए। यदि वे अक्सर ऐसा करती हैं तो उनकी इस आदत को प्यार से और थोड़ा गुस्से से सुधारने का प्रयास करें।
* सहायकों से रिश्तेदारों और मित्रों के बारे में कुछ भी बात न करें। न ही घरेलू झगड़ों के बारे में कुछ बताएं।
* उन लोगों की परेशानियों में स्वयं को अधिक न उलझाएं। आवश्यकता पड़ने पर जितनी मदद आप आसानी से कर सकते हैं, करें।
* त्यौहार के अवसर पर सीमित भेंट ही दें। पड़ोसियों की नकल न करें, न ही उनकी सलाह पर अपना घर बर्बाद करें।
—नीतू गुप्ता

* सचमुच बीमार होने पर या परिवार में सचमुच की समस्या होने पर थोड़ा नकद मदद के रूप में दे सकते हैं और कुछ एडवांस भी दे सकते हैं।
* जो स्वयं खरीदारी करके आए हैं, उसका ब्यौरा उसे मत दें, न ही उसे अपने द्वारा लाया सामान दिखाएं।
* बिना पूर्व सूचना दिए छुट्टी करने की आदत को बढ़ावा न दें। एकाध दिन ऐसा होने पर माफ कर दें। अधिक छुट्टी लेने पर उसकी तनख्वाह काटें। 
* एक से अधिक सहायक होने पर पूरा ध्यान रखें कि कहीं वे मिलकर आपको धोखा न दें।
* पूरा दिन रखने वाले सहायक की पुलिस जांच अवश्य करवा लें।
* काम की प्रमुखता के आधार पर उसे काम निपटाने की आदत डालें। (उर्वशी)