बम कांड में गोरा की भूमिका की पुलिस क रे गहनता से जांच

बठिंडा, 16 फ रवरी (कंवलजीत सिंह सिद्ध): मौड़ मंडी बम धमाके में इस्तेमाल की गई मारुति कार जिस की डैंटिंग-पेंटिंग डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम वाली गाड़ियों की मुरम्मत करने वाली ए क्लास वर्कशाप में दो डेरा समर्थकों की तरफ  से किये जाने के तथ्य सामने आने के बाद चाहे पुलिस के विशेष जांच दल की तरफ से इस साजिश के पीछे होने वाले षड़यंत्रकारियों की चालों के नजदीक पहुंच जाने के बाद  चाहे अभी  तक पुष्टि नहीं की गई। परन्तु मौड़ मंडी बम धमाकों के केंद्र बिंदु रहे पूर्व विधायक हरमन्दर सिंह जस्सी, इस धमाकों के 1 वर्ष बाद मीडिया में अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर स. जस्सी ने स्पष्ट किया कि जिस दिन यह बम धमाका हुआ उस दिन वह अपने हलके में रोड शो निकालकर घर पर पहुंचे थे, परन्तु उनके चुनाव कार्यालय के इंचार्ज हरपाल सिंह पाली का उनको फोन आया कि ट्रक यूनियन के कुछ व्यक्तियों को कांग्रेस पार्टी में शामिल करना है, इस लिए एक छोटा सा जलसा रखा गया है। जिस पर वह अपने साथियों सहित वहां पहुंचे और जलसे को संबोधित करने उपरांत वह वापिस घर आने के लिए गाड़ी में बैठे अपने कार्यालय के इंचार्ज हरपाल सिंह पाली के साथ बात कर रहे थे और सीआरपीएफ का एक गनमैन उनके साथ गाड़ी के साथ चल रहा था, उसी वक्त एक धमाका हुआ, जिस में पाली समेत कई और व्यक्तियों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए। जिस पर तुरंत उनको ओर गाड़ी में बैठा कर वहां से निकाल दिया गया। परन्तु वह पुलिस को यह बताना चाहते हैं कि उस समय पर भुपिंद्र सिंह गोरा का गनमैन वहां पहले से ही मौजूद था और धमाकों के 1 डेढ़ मिनट बाद गोरा वहां कैसे पहुंच गया, यह पुलिस की जांच का विषय है क्योंकि भुपिंद्र सिंह गोरा कांग्रेस में से निकाला हुआ व्यक्ति है, जिसका कांग्रेस की रैली में आने का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने  भुपिंद्र गोरा पर तीखे शाब्दिक हमले करते कहा कि यह सब कुछ भुपिंद्र सिंह गोरा उनके राजनीतिक जीवन को कलूषित करने के लिए उनके विरुद्ध जहर उगल रहा है। इस मौके जस्सी ने पत्रकारों की तरफ  से पूछे सवालों के जवाब में कहा कि डेरा प्रमुख के पुत्र के साथ उनकी लड़की विवाहित है। जिस कारण उसका परिवार में अपने दोहता-दोहते के पास आना-जाना है।डेरों के अंदरूनी व्यवस्था बारे, हनीप्रीत बारे उनको कुछ भी नहीं पता। एक वर्ष के लम्बे समय से मीडिया से दूर रहने सम्बन्धित पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह इस धमाके के दौरान हुई निर्दोष लोगों की मौतें के कारण सदमो में थे, जिस कर के वह अपने घर से बाहर ही नहीं निकले। उन्होंने इस बात का गिला भी किया कि पुलिस जांच 15 दिनों में भी पूरी हो सकती थी, जो वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक भी अधूरी है। इस मौके उन्होंने कहा कि वह इस सम्बन्धित सीबीआई जांच की मांग करते हैं, जिससे हकीकत जग जाहिर हो सके।