गुड़ियों का संसार और उनका रोचक इतिहास

बच्चो आपको गुड़ियों से खेलना उनके संग अकेले या सामूहिक रूप में समय बिताना अच्छा लगता है। विशेष कर लड़कियां गुड़ियों को बहुत पसंद करती हैं। गुड्डे-गुड़ियों का विवाह भी रचाती है। बच्चो क्या आपने कभी सोचा कि गुड़ियों के संसार की संरचना कहां और कैसे हुई। चलो मैं इस विषय की साहित्य जानकारी देता हूं। कहते हैं मानव की सबसे पहली खोज मनोरंजन के तौर पर खिलौने और छोटे-छोटे आकार की गुड़ियों का निर्माण करना रहा है। यह माना जाता है कि प्राचीन सभ्यताओं में इजिप्ट, ग्रीक और रोम का ही वर्णन लिखित रूप से पढ़ने को मिलता है। यह भी माना गया है कि खेल और खिलौने, गुड़ियों के निर्माण की सोच बच्चों में प्राकृतिक तौर पर पैदा हुई। खिलौने और गुड़ियों के निर्माण हेतु प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं में लकड़ी, पत्थर, मिट्टी, रेत का प्रयोग हुआ। सर्व प्रथम बच्चों ने ही ईश्वर के रूप में खिलौने और गुड़ियां बनाई। यह प्रयोग भारत और अमरीका में हुआ था। गुड़ियों के संसार की सरंचना में भारतीय प्राचीन सभ्यता का भी उल्लेख है। जापान की गुड़ियों का भी इतिहास बड़ा पुराना है। मैजिकल गुड़ियों का चलन जापान और कोरिया से शुरू हुआ था। अमरीका में भी गुड़ियों के प्रति बड़ी रूची है।आज के आधुनिक युग में सर्वलोकप्रिय है बार्बी डॉल जो फैशन की दुनिया और लड़कियों के परिधान में बार्बी डाल का विशेष स्थान है। भारत में राजस्थान प्रदेश में सबसे सुन्दर और राजा-रानियों, योद्धाओं के रूप में खिलौने तैयार होते हैं जो विदेशी टूरिस्ट को खूब भाते हैं।
-के.सी. शर्मा गगलवी