अपनी किताब में तीन पीढ़ियों की दास्तां सुनाती हैं गुरमेहर कौर  

नई दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा): पिछले साल राष्ट्रवाद की चर्चा का केंद्र बिंदु रही गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ चली मुहित और अपशब्दों से बाहर निकलने के अपने संघर्ष को एक पुस्तक के जरिए बयां किया है। ‘‘स्मॉल एक्ट्स ऑफ फ्रीडम’’ एक परिवार की तीन पीढ़ियों की एकल महिलाओं की कहानी है जिन्होंने अपनी शर्तों पर जमाने का सामना किया। इस पुस्तक में कहानी कहने का अंदाज जुदा है। यह अतीत और वर्तमान से गुजरती है जिसमें वर्ष 1947 से 2017 तक 70 साल की कहानी कही गई है। बंटवारे के बाद लाहौर से भारत आई उनकी दादी से लेकर अपने परिजन के बीच रोमांस तक, युद्ध में शहीद हुए पिता के राष्ट्रीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार से लेकर छात्र सक्रियता के दिन के अपने अनुभवों तक गुरमेहर ने अपनी इस पहली पुस्तक में प्यार की तीव्रता, परिवार की ताकत और छोटी-छोटी गतिविधियों से हुई बड़ी क्रांतियों का जिक्र किया है।