प्रवासी पंजाबी एवं पंजाब

पंजाब ने दशकों तक देश को सैनिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान की है। जब भी देश की सीमाओं पर कोई खतरा पैदा हुआ तो पंजाब की धरती के नौजवानों ने भारी बलिदान देकर देश की सुरक्षा की। इसी प्रकार देश के करोड़ों लोगों का पेट भरने के लिए पंजाब के किसानों ने दिन-रात परिश्रम करके केन्द्र के अनाज भंडार भर दिए। इस कारण पंजाब की एवं पंजाब के नौजवानों की देश-विदेश में चर्चा भी होती रही है, परन्तु आज स्थिति यह है कि अनेक पक्षों से पंजाब का अपना अस्तित्व एवं सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। समय की केन्द्रीय सरकारों की ओर से पड़ोसी राज्यों को औद्योगिक विकास के लिए दी गई भारी रियायतों के कारण यहां का उद्योग पड़ोसी राज्यों में पलायन कर गया है। दशकों तक प्रदेश के किसानों को फसलों के लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण तथा पीढ़ी-दर-पीढ़ी ज़मीन बंट जाने के कारण आज कृषि को भी भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि लाभकारी न रहने के कारण प्रतिदिन तीन-चार किसान अथवा कृषि मज़दूर आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं। धान की निरन्तर काश्त के कारण धरती के नीचे वाला पानी भी बहुत नीचे जा चुका है। भिन्न-भिन्न कारणों के दृष्टिगत हवा एवं पानी का प्रदूषण भी बहुत बढ़ चुका है। इस कारण लोग भीषण बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश की सरकारों की गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों का भी बुरा हाल हो गया है, जिस कारण गरीब परिवारों के बच्चे स्तरीय एवं रोज़गारोन्मुख शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह रहे हैं। निजी स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करना आज गरीब परिवारों के वश का रोग नहीं रहा है। नौजवानों को पंजाब में एवं समूचे देश में अपना कोई भविष्य दिखाई नहीं दे रहा। इस कारण थोड़ी सी अच्छी आर्थिकता वाले परिवारों के नौजवान भी शिक्षा प्राप्त करने के बहाने विदेशों को जाने के लिए विवश हो रहे हैं। गरीब परिवारों के जो नौजवान अच्छी शिक्षा हासिल नहीं कर सके, अथवा अन्य कारणों के दृष्टिगत कोई अच्छा रोज़गार प्राप्त नहीं कर सके, उनमें से अधिकतर अपराध की दुनिया में प्रवेश करते जा रहे हैं। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में से इस समय पंजाब को उभारने की बड़ी आवश्यकता है। इसलिए प्रदेश सरकार एवं प्रदेश की विपक्षी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर कार्य करने की बड़ी आवश्यकता है। हम समझते हैं कि इस संदर्भ में विदेशों में बसने वाला पंजाबी भाईचारा भी पंजाब की बड़ी मदद कर सकता है। इस समय अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, ब्रिटेन एवं यूरोप के अन्य देशों में पंजाबी राजनीतिक, आर्थिक एवं सेवाओं के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये सभी पंजाबी पंजाब को बहुत प्यार करते हैं तथा पंजाब के लिए कुछ बेहतर करना चाहते हैं। विगत समय में भी पंजाबी प्रवासियों ने भिन्न-भिन्न तरीकों से यहां बसने वाले पंजाबियों की सहायता की है तथा अपने गांवों एवं शहरों की शक्ल-सूरत संवारने में भारी योगदान डाला है। अब भी यदि पंजाब की सरकार अथवा प्रदेश की विरोधी पार्टियां उनके प्रति सार्थक रुख धारण करके उनके साथ संवाद आरम्भ करें तो वे मौजूदा स्थितियों में से प्रदेश को निकालने के लिए भी पंजाबियों की भारी मदद कर सकते हैं। इस समय कनाडा में पंजाबियों की बहुत चढ़दी कला है। कनाडा की केन्द्र सरकार में हरजीत सिंह सज्जन, बरदीश चग्गर, हरजीत सोही, नवदीप सिंह बैंस आदि अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं तथा इन दिनों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ भारत के दौरे पर भी आये हुए हैं। इसी प्रकार कई अन्य देशों में भी पंजाबी अहम पदों पर तैनात हैं तथा कई देशों से भारत में राजदूत भी भारतीय अथवा पंजाबी मूल के हैं। भारत में आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त भी पंजाबी मूल की हरिन्द्र सिद्धू हैं। हमारा यह लिखने का उद्देश्य यह है कि पंजाब सरकार को विदेशों में बसने वाले इन सभी अहम पंजाबियों के साथ निकट सम्पर्क बनाना चाहिए तथा उनसे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में प्रदेश के विकास के लिए सहायता हेतु सहयोग लिया जाना चाहिए। वे अपने देशों की सरकारों के साथ बातचीत करके पंजाब की विकास परियोजनाओं के रूप में एवं तकनीकी जानकारी के रूप में सहायता करवा सकते हैं। प्रदेश में सरकारी तथा गैर-सरकारी स्तर पर पूंजी निवेश भी करवा सकते हैं। इस संदर्भ में पंजाब के स्थानीय निकाय, सांस्कृतिक एवं पर्यटन संबंधी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर में आस्ट्रेलिया की भारत में स्थित उच्चायुक्त हरिन्द्र सिद्ध  के साथ एक मुलाकात भी की है, जिसमें कृषि के विकास, मंडीकरण एवं फसलों के अवशेष संभालने और अपने प्राकृतिक स्रोतों को उचित ढंग से इस्तेमाल करने और प्रदेश के नौजवानों को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सहयोग देने हेतु आस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त की ओर से सहमति भी प्रकट की गई है। यह भी बताया गया है कि आने वाले समय में ऐसे सहयोग के लिए पंजाब सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल आस्ट्रेलिया के दौरे पर भी जायेगा। हम इस प्रकार की पहल का स्वागत करते हैं तथा पंजाब सरकार को यह सुझाव देना चाहते हैं कि वह कनाडा की सरकार एवं कनाडा के पंजाबी मंत्रियों के साथ भी अपने संबंधों को बेहतर बनाये तथा पंजाब एवं पंजाबियों के विकास को गतिशील करने के लिए अवश्यक पग उठाये क्योंकि कई भारतीय राज्य जिनमें पंजाब के कई पड़ोसी राज्य भी शामिल हैं, अपनी विकास परियोजनाओं के लिए कनाडा की सरकार से भारी सहायता लेने में सफल हुए हैं। पंजाब की सरकार को भी इस संदर्भ में सार्थक रवैया धारण करके आने वाले समय में विदेशों में बसने वाले पंजाबियों से भरपूर सहयोग हासिल करना चाहिए तथा विदेशों में अहम पदों पर तैनात पंजाबियों का पंजाब की धरती पर समुचित मान-सम्मान भी करना चाहिए।