कीमती साड़ियों का करें सही रख-रखाव

बनारसी, कांचीवरम, जामदानी, ब्रोकेट टिश्यू, पैठनी, साड़ियां बहुत महंगी आती हैं और शादी ब्याह के मौके पर ही इन्हें पहना जाता है। कई बार तो यह सालों-साल अलमारी में रखी रहती हैं और इन्हें पहनने का मौका नहीं मिलता। इन साड़ियों को संभालकर रखना भी थोड़ा मुश्किल काम है। असली और प्योर साड़ियों को खास देखभाल की ज़रूरत होती है, इनका रख-रखाव कैसे किया जाए ताकि इनकी चमक सालों-साल बरकरार रह सके।
सूती साड़ियां - गर्मी के मौसम में पहनने के लिहाज से सूती साड़ियां सुविधाजनक होती है। कई सूती साड़ियां काफी महंगी होती हैं, इन्हें भी अगर सही प्रकार से रखा जाए तो यह सालों-साल चलती हैं। 
कैसे धोएं - सूती साड़ी का रंग खराब हो सकता है, इन्हें फेड होने से बचाने के लिए पहली बार इन्हें ठंडे पानी में दो-तीन चम्मच नमक डालकर आधे घंटे तक साड़ी को डुबोकर रखें ताकि इसमें अतिरिक्त रंग और स्टार्च निकल जाए। धोते समय इसे नर्म हाथों से धोयें। इसे दो तीन बार पानी से अच्छी तरह खंगालें, धोने के बाद इसे तेज़ धूप में न सुखाएं। इसे सुखाने के लिए स्ट्रेट हैंगर का इस्तेमाल करें ताकि इसमें सिलवटे न पड़ें। थोड़ी गीली उतारकर इन्हें आयरन करें। इसे चार तह में लगाकर मीडियम से हाई सेटिंग पर आयरन करें।
सिल्क साड़ी - सिल्क की साड़ी को पहली बार ड्राइक्लीन करवाएं। इन्हें घर पर भी धोया जा सकता है, घर पर धोने से पहले इसके एक कोने को अलग से धोकर देखें कि कहीं इसका रंग तो नहीं निकलता? पहली बार इसे डिटर्जेंट में न भिगोयें। इसे दो तीन बार सादे पानी से खंगालकर निकालें और उसके बाद इज़ी या हल्के डिटर्जेंट या रीठों से भी धोया जा सकता है। साड़ी को ज्यादा देर तक डिटर्जेंट में भिगोकर न रखें। इसे नर्म हाथों से साफ  करें। धोने के बाद लंबे समय तक पानी में भिगोकर न रखें। इन पर मलमल के गीले कपड़े को रखकर आयरन करें और सिल्क साड़ी को आयरन करते समय अपनी आयरन के टैम्प्रेचर को सिल्क पर सैट करें।
जरी, बनारसी साड़ियां- इस तरह की साड़ियां काफी कीमती होती हैं और इन्हें खास अवसर पर ही पहना जाता है। लंबे समय तक इसकी खूबसूरती बनाये रखने के लिए इनकी अतिरिक्त देखभाल करनी पड़ती है, क्योंकि सिल्वर और जरी की चमक बाहरी वातावरण के प्रभाव और नमी के चलते कम हो जाती है और इन साड़ियों की बुनाई काली पड़ जाती है। इन साड़ियों के साथ ऐसी ज्वैलरी पहनें जो स्मूद हो, ताकि ज्वैलरी में फंसकर इनके नाजुक रेशे, बुनाई खराब न हों। इनके जरी वर्क के भारी पल्लू के नीचे नेट लगाएं। इन्हें ड्राइक्लीन करायें और इन्हें अगर घर में धोना हो तो माइल्ड सोप में धोकर छाया में सुखाएं।
टिप्स-
* सिल्क साड़ियों की क्रीज न बने इसके लिए इन्हें अलमारी में हमेशा हैंगर में लटकाकर रखें।
* भारी और सिल्क की साड़ियों को नमी रहित अंधेरे वाली जगह पर रखें ताकि इनके रंग खराब न हाें।
* सिल्क और जरी की साड़ियों को सूती या मलमल के कपड़े में लपेटकर रखें।
* साड़ियों को दो तीन महीने के बाद एक दो घंटे तक धूप में रखें। उसके बाद इन्हें खुली हवा के नीचे रखकर फि र अलमारी में रखें। 
* साड़ियों को पेटीकोट, ब्लाउज से अलग रखें क्योंकि ब्लाउज के अस्तर का रंग नमी के कारण साड़ी के रंग को बदरंग कर सकता है।
* भारी साड़ियों को ड्राइक्लीन कराएं।*  
* साड़ी को उतारकर उसे तुरंत लपेटकर अलमारी में न रखें। इन्हें थोड़ी देर हवा में सुखाने के बाद हैंगर में टांगे।
* जरी की साड़ी पहनने के बाद साड़ी पर परफ्यूम न लगाएं। परफ्यूम जरी को काला करता है।
—नम्रता नदीम