जब बनें पहली बार माता-पिता

जब भी किसी नव-विवाहित जोड़े के घर पहला बच्चा जन्म लेता है तो उस बच्चे के जन्म की भी उनको खुशी अपने विवाह जैसी ही होती है। पहली सन्तान चाहे लड़की हो या लड़का हर माता-पिता के लिए वह बहुत ही प्यारी होती है। हर नव-विवाहिता के घर पहली सन्तान होने पर दोनों पति-पत्नी के पैर धरती पर नहीं लगते। उनको इस तरह लगता है जैसे पूरा आलम ही खुशियों से भर गया हो।
लेकिन यह भी एक कठोर सच्चाई है कि पहली बार बने माता-पिता के आगे खुशियों के साथ-साथ कई समस्याएं भी दरपेश होती हैं। आमतौर पर एक नव-विवाहित महिला को अपना पहला बच्चा संभालने की पूरी तरह जांच नहीं होती, क्योंकि उसको इस काम का कोई तजुर्बा नहीं होता। पहली बार मां बनीं लड़की अक्सर ही अपने बच्चे के कारण और पारिवारिक ज़िंदगी की व्यवस्था के कारण कई तरह की उलझनों में घिर जाती है।
इन उलझनों में से निकलने का सबसे आसान तरीका है कि इस अवसर पर अपनी मां या सास, बहन, मौसी आदि को अपने पास बुला लिया जाए, जोकि इस तरह के अवसर पर अपने ज़िंदगी भर के तबुर्जे से नई बनी मां की और उसके बच्चों की अच्छी तरह संभाल कर सके। पहली बार माता-पिता बने पति-पत्नी के पास उनके रिश्तेदार, पड़ोसी और दोस्त-मित्र कई तरह की मुफ्त सलाह देने लगते हैं और कई तरह के घरेलू उपचार भी बताते रहते हैं, लेकिन नए बने माता-पिता को ऐसा कुछ करने से पहले अपने फैमिली डाक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। पहले बच्चे के जन्म के बाद ज़िंदगी को सही तरीके से जीने के लिए नए बने माता-पिता को अपना नया टाईम-टेबल बनाना चाहिए। इस मौके पर पति-पत्नी को अपने करने वाले कामों को भी बांट लेना चाहिए। बच्चे को खाना खिलाना, नहलाना, कपड़े बदलना आदि के लिए ड्यूटी निश्चित कर लेनी चाहिए। ताकि एक व्यक्ति पर ही बोझ न पड़ सके। इसके साथ ही अपने आफिस को इस तरीके से मैनेज करना चाहिए कि पति सही समय काम पर जा सके और जब आप किसी काम के लिए बाज़ार या आफिस जाएं तो पति घर में रहे।
यह भी एक हकीकत है कि पहली बार बने माता-पिता अक्सर ही कई गलतियां कर बैठते हैं। नए बने माता-पिता को चाहिए कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले ही उसका वित्तीय बजट भी बना लें, ताकि बच्चे के जन्म के समय और बाद में बच्चे की परवरिश पर होने वाले खर्च को सही तरीके के साथ मैनेज किया जा सके। 
इसी के साथ ही उसके भविष्य के लिए भी बजट रखा जाए। इस प्रकार पहली बार बने माता-पिता को चाहिए कि अपने आप को मैनेज ही इस तरह से करें कि बच्चे का पालन-पोषण अच्छा हो और कोई परेशानी न हो।
—जगमोहन सिंह लक्की