बैंकाें से धोखाधड़ी के आरोप में विक्रम कोठारी पर कसा शिकंजा

नई दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) : रोटोमैक ब्रांड के नाम से कलम बनाने वाली कम्पनी के प्रवर्तक विक्रम कोठारी के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है। कोठारी तथा उनकी कंपनी के खिलाफ सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय ने अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं। ये मामले 2008 से सात बैंकों के साथ कुल 3,695 करोड़ रुपये के कर्ज में धोखाधड़ी करने से संबंधित हैं।  सीबीआई ने बैंक आफ बड़ौदा से कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि., उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी तथा अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत के बाद मामला दर्ज किया। शुरू में अनुमान था कि यह घोटाला 800 करोड़ रुपये का हो सकता है, लेकिन सीबीआई की कंपनी के खातों की जांच शुरू होने के बाद यह पाया गया कि कंपनी ने कथित रूप से बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया, इलाहबाद बैंक तथा ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स से ज्यादा कर्ज लिए और और यह गड़बड़ी इससे कहीं अधिक की है। सीबीआई का कहना है कि इन आरोपियों ने सातो बैंकों से प्राप्त 2,919 करोड़ रुपये के रिण की हेराफेरी की है।  केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि उन पर ब्याज समेत कुल बकाया राशि 3,695 करोड़ रुपये है। मामला दर्ज करने के तुरंत बाद सीबीआई ने कानुपर में तीन ठिकानों की तलाशी ली। इसमें कोठारी के निवास और कार्यालय परिसर शामिल हैं।सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि अब तक मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से ज़रूर पूछताछ की गई है। जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार कम्पनी ने कथित रूप से 2008 से सात बैंकों के समूह से लिये गये कर्ज की हेराफेरी को लेकर दो तरीके अपनाये। कम्पनी को जो कर्ज दिये गये, उसका उपयोग निर्यात आदेश को पूरा करने के बजाए अन्य कार्यों में किया गया। सीबीआई का आरोप है कि निर्यात आर्डर के लिये जो कर्ज मंजूर किये गये, उसे विदेश में दूसरी कंपनी को हस्तांतरित किया गया और बाद में कानपुर की कंपनी ने बिना निर्यात आर्डर को पूरा किये उसे वापस मंगा लिया। दूसरे मामलों में बैंकों ने निर्यात के लिये वस्तुओं की खरीद को लेकर कर्ज दिये। इसमें भी कोई निर्यात आर्डर को पूरा नहीं किया गया। यह कोष का गबन, अमानत में खयानत और फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) का उल्लंघन है।