गुणों की खान है तिल

 


तिल के विषय में भारतीय ग्रंथों में लिखा है कि विश्व भर में पाये जाने वाले तिल एक उच्च स्तर आहार, खाने योग्य तेल है जिसमें औषधीय एवं स्वास्थ्य रक्षक के समस्त गुण मौजूद होते हैं। उसके अनुसार, तिल का प्रयोग पूजन, हवन आदि मांगलिक कार्यों में भी खूब किया जाता है।
तिल का तेल उत्तम गुणवत्ता का होता है जिसका प्रयोग प्राय: विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है और शक्कर एवं गुड़ व नमक के साथ मिलाकर लजीज व्यंजन बनाने हेतु भी करते हैं।
दांत मजबूत बनाए
प्रातकाल: अपने दांतों को साफ करने के उपरांत एक बड़ा चम्मच तिल का सेवन करने से दांत मज़बूत बनाये जा सकते हैं।
खांसी में आरामदायक
खांसी से सदैव परेशान रहने वाले व्यक्तियों के लिए तिल बहुत लाभकारी है। 2 ग्राम तिल तथा तिल की 2-3 पत्तियों की चाय तैयार कर उसमें अदरक का समावेश करके पिएं। खांसी जल्द ही ठीक हो जाएगी।
बाल सफेद होने व झड़ने से रोके
नित्य तिल के तेल से बालों की मालिश करने से असमय बाल सफेद होने तथा झड़ने की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
पेट दर्द भगाए
पेट दर्द होने पर एक चम्मच काला तिल चबाकर ऊपर से गुनगुना पानी पीने से पेट दर्द मिनटों में गायब हो जाता है।
चेहरे पर कांति लाए
पिसे हुए तिल को मक्खन में मिलाकर रोज़ाना चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है और चेहरे से कील मुंहासे गायब होजाते हैं। फलस्वरूप, त्वचा सुंदर व मुलायम हो जाती है। (स्वास्थ्य दर्पण)
-अनूप मिश्रा