सावधान रहें ब्रेन स्ट्रोक से

 


पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोगों और दिल के दौरे के विषय में लोगों में जागरुकता बढ़ी है किन्तु उससे भी अधिक खतरनाक बीमारी ब्रेन स्ट्रोक के विषय में समाज में अभी उतनी जागरुकता नहीं है जिस कारण लाखों लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो जाते हैं या विकलांग हो जाते हैं।
यह बीमारी दिमाग को खून ले जाने वाली नसों में अवरोध के कारण होती है। इसके कारण रोगी पक्षाघात का शिकार भी हो सकता हैं। जिसके कारण मिर्गी के दौरे या मरीज़ के अचानक बेहोश हो जाने जैसी समस्याएं हो सकती है। दिमाग को मिलने वाली आक्सीजन की मात्रा में भी कमी हो जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक के तीन से छ: घंटे के भीतर इलाज हो जाए तो रोगी को मृत्यु और विकलांगता से बचाया जा सकता है। इस रोग के रोगियों को खून पतला करने की दवाई दी जाती है और खून की कमी के कारण सिकुड़ चुकी नसों को सर्जरी और स्टंट डालकर उपचार किया जाता है।
हृदय रोगियों को ब्रेन स्ट्रोक होने की सम्भावना अधिक होती है, अत: उन्हें नियमित समय पर अपनी जांच करवानी चाहिए और अपने कोलेस्ट्राल को काबू में रखने का प्रयास रखना चाहिए।